भारत-पाकिस्तान सरहद से महज 250 गज की दूरी पर दहशत का दरवाजा मिला है जो कि 25 फीट गहरा है। बारिश के चलते जब यहां जमीन धंसी नजर आई तो जेसीबी मशीन से खुदाई की गई। कुछ देर में ही खुदाई में जुटे लोगों की आंखे फंटी की फटी रह गईं। यहां से जा रही 3 फीट चौड़ी सुरंग से इंसान आसानी से निकल सकता है, हथियार और गोलाबारूद की बड़ी खेप आसानी से लाई जा सकती है। बीएसएफ के जवानों को सुरंग में सफेद रंग का पाइप भी मिला जिसमें जगह जगह छेद हैं। इसका मकसद सुरंग में ऑक्सीजन की सप्लाई करना बताया जा रहा है। इस बात का पूरा इंतजाम किया गया है कि सुरंग से गुजरते वक्त घुटने न हो और 25 फीट गहरी सुरंग से आदमी आसानी से आ जा सकें।
हैरानी की बात यह कि सरहद के करीब इतनी बड़ी सुरंग बना ली गई और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। सांबा सेक्टर में जहां ये सुरंग मिली है उससे महज 15 मीटर की दूरी पर बीएसएफ का बंकर भी है लेकिन किसी को हवा भी नहीं लगी। एक स्थानीय किसान को अपने खेत की जमीन जब धंसी नजर आई तो उसने इसकी खबर बीएसएफ को दी। इसके बाद बीएसएफ ने खुदाई का काम शुरू किया।
सुरंग का दूसरा सिरा तलाशने के लिए बीएसएफ ने इलाका का चप्पा चप्पा छान मारा लेकिन उसका दूसरा सिरा नहीं मिला। सुरक्षा बलों के मुताबिक सुरंग का दूसरा सिरा सरहद पार मौजूद है। जानकारों के मुताबिक इतनी सफाई से सुरक्षा के पूरे इंतजाम के साथ 25 फीट गहरी सुरंग चंद लोग मिलकर नहीं बना सकते। इसके लिए बाकायदा इंजीनियरों की मदद जरूरी है।
गहरी सुरंग में ऑक्सीजन की बराबर सप्लाई बनाए रखने के लिए एक्सपर्ट्स की मदद जरूरी है। इसे बनाते वक्त इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि अगर इसके ऊपर से टैंक भी गुजर जाएं तो सुरंग न धंसे।
बीएसएफ को शक है कि इस सुरंग को बनाने में पाकिस्तानी एजेंसियां शामिल हो सकती हैं। इस घटना ने एक बार फिर आतंक के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के दोमुहेपन को उजागर कर दिया है। खुफिया एजेंसिया काफी समय से सीमापार से घुसपैठ के इंतजार में बैठे आतंकियों के बारे में अलर्ट जारी कर चुकी हैं। सवाल ये है कि क्या मौत के इस मुहाने से आतंक की वो खेप भारत पहुंच चुकी है। 15 अगस्त करीब है, क्या आतंकी देश में दहशत की कोई नई साजिश को अंजाम देने वाले हैं?