केंद्र सरकार बनाम टीम अन्ना की जंग के बीच एक बार फिर श्री रवि शंकर आ गए हैं। उन्होंने टीम अन्ना से अनशन खत्म करने एवं आंदोलन जारी रखने की अपील की है। जिस पर अभी तक टीम अन्ना ने कोई फैसला नहीं किया है। वहीं, अन्ना हजारे ने फिर दोहराया है कि अनशन में भले ही पांच लोग आएं, अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
दूसरी ओर, शुक्रवार को लोगों के कम समर्थन से हताश टीम अन्ना के अनशन में बाबा रामदेव ने जान फूंक दी। बाबा के जंतर मंतर पहुंचते ही सुबह से करीब-करीब खाली पड़े अनशन स्थल पर हजारों की भीड़ जमा हो गई।
यह भीड़ बाबा के साथ ही रामलीला मैदान में जुटने के बाद एक रैली की शक्ल में यहां तक पहुंची थी। खास बात यह रही कि जैसे ही रामदेव जंतर-मंतर से गए वैसे ही भीड़ भी छंट गई और फिर वही हालात हो गई जो सुबह से थी। कल सुबह 11 बजे जब अन्ना हजारे जंतर मंतर पहुंचे थे तो महज तीन सौ लोग ही वहां मौजूद थे। आज भी कमोबेश हालात ऐसे ही बने हुए हैं।
रामदेव भी नहीं चाहते राष्ट्रपति की आलोचना
रामदेव ने टीम अन्ना के सदस्यों द्वारा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर हमले को अनुचित करार दिया है। वे शुक्रवार को करीब दो हजार समर्थकों के साथ रामलीला मैदान से मार्च करते हुए जंतर मंतर पर पहुंचे जहां टीम अन्ना का अनशन चल रहा है। रामदेव ने रामलीला मैदान पर मीडिया से कहा, राष्ट्रपति संवैधानिक पद है। किसी को संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति की आलोचना नहीं करनी चाहिए। अन्ना हजारे भी इससे सहमत हैं।
इससे पहले अन्ना ने भी प्रणब मुखर्जी पर आरोपों पर कोई टिप्पणी न करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी थीं। अनशन शुरू करते समय 25 जुलाई को केजरीवाल ने कहा था कि अगर देश में लोकपाल होता तो प्रणब कभी राष्ट्रपति नहीं बन पाते।
बेहतर उम्मीदवार चुनाव में उतारेंगे अन्ना
अन्ना हजारे ने कहा कि वह किसी लाबी का हिस्सा नहीं हैं। जो भी भ्रष्टाचारके खिलाफ लड़ेगा, वह उसे समर्थन देंगे। अगर वे स्वार्थी हो जाएंगे तो वह उनसे अलग हो जाएंगे। इससे पहले अन्ना ने गुरुवार को चुनावी राजनीति में आने के सीधे संकेत दिए। उन्होंने कहा कि 2014 के आम चुनाव के पहले वे देश में घूमेंगे और लोगों से उम्मीदवारों के नाम मांगेंगे। बेहतर उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारेंगे। उनके लिए वे खुद प्रचार करेंगे।