क्या अखिलेश का करीबी है मायावती की मूर्ति तोड़ने वाला, प्रदेश में धारा 144 लागू

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लखनऊ : मायावती की मूर्ति तोड़े जाने के बाद प्रदेश में राजनीति तेज हो गयी है। बसपा प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर, स्‍वामी प्रसाद मौर्य और नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित पार्टी के कई नेता विरोध में विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। इसके बाद आपात स्थति से बचने के लिए राज्‍य में धारा 144 लगा दी गई है।

इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति तोड़ने के मामले में तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया है। इन युवकों के नाम अंकित, आलोक मिश्रा और अर्पित है। ये युवक उत्‍तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के सदस्य हैं| इस घटना का मुख्‍य आरोपी और उत्‍तर प्रदेश नवनिर्माण सेना का अध्‍यक्ष अमित जानी बड़ा अपराधी है। इस पर पहले से सात आपराधिक मुकदमे हैं। अमित जानी सपा के बड़े नेताओं का करीबी रहा है। अमित की सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और वरिष्‍ठ मंत्री आजम खां के साथ तस्‍वीरें हैं।

अभी तक का घटनाक्रम

खुद को नवनिर्माण सेना का सदस्य बताने वाले कुछ युवकों ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अम्बेडकर पार्क परिसर में स्थापित बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति तोड़ दी। मोटरसाइकिल सवार इन युवकों ने लखनऊ के गोमतीनगर इलाके स्थित अम्बेडकर पार्क में मायावती की संगमरमर की एक मूर्ति का सिर धड़ से अलग कर दिया। मूर्ति का हाथ भी तोड़ दिया गया है।

मूर्ति तोड़ने के बाद ये युवक कुछ पर्चे छोड़कर मौके से फरार हो गए। पर्चे में उन्होंने खुद को उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना का सदस्य बताया। गुरुवार दोपहर करीब डेढ़ बजे कुछ युवक बाइक पर सवार होकर आए। अंबेडकर पार्क की देखरेख के लिए तैनात विशेष वाहिनी के कार्यकर्ताओं को छकाते हुए वे मूर्ति के पास पहुंच गए। उन्होंने हथौड़े से मायावती की सफेद संगमरमर की मूर्ति पर वार कर उसके सिर को गिरा दिया और मूर्ति के हाथों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

युवक मौके पर कुछ पर्चे छोड़कर फरार हो गए। पर्चों में उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना का जिक्र है। पर्चों में मायावती पर कई घोटाले करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मूर्ति तोड़ने वाले युवकों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष कासिम चौधरी ने कहा कि उनका संगठन जीवित लोगों की मूर्तियां लगाए जाने के विरोध में है और इसीलिए मायावती की मूर्ति तोड़ी गई है। उन्‍होंने कहा कि मूर्ति तोड़ने वालों में वह खुद भी शामिल थे।

घटना की सूचना मिलने के बाद हालात का जायजा लेने के लिए प्रमुख सचिव (गृह) आर. एम. श्रीवास्तव और लखनऊ के पुलिस उपमहानिरीक्षक आशुतोष पांडे मौके पर पहुंच गए।

मूर्ति तोड़े जाने की सूचना मिलने पर विधानसभा में विपक्ष के नेता व बसपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने घटनास्थल का दौरा कर किया। घटना को घृणित मानसिकता का कार्य बताते हुए उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए और कहा कि मूर्तियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। बसपा नेताओं द्वारा समय-समय पर लगातार इनकी सुरक्षा की मांग की जाती रही है। मौर्य ने कहा कि बसपा नेता इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राज्यपाल बीएल जोशी से मिलेंगे। मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना की निंदा करते हुए मूर्ति तत्‍काल ठीक कराने के आदेश दिए हैं।

बहुजन समाज पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी अध्यक्ष व राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति क्षतिग्रस्त किए जाने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए गुरुवार को कहा कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द इस मूर्ति को पहले की तरह स्थापित करे, वरना नतीजे गम्भीर होंगे। अम्बेडकर पार्क में मायावती की मूर्ति तोड़े जाने की जानकारी मिलने पर यहां पहुंचे मौर्य ने कहा, “यदि सरकार चाहती है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था न बिगड़े तो जल्द से जल्द इस मूर्ति को पहले की तरह ठीक करे।”

मौर्य ने कहा, “बड़ी अजीब बात है कि दिनदहाड़े इस घटना को अंजाम दिया गया जबकि यहां सुरक्षाकर्मी और हजारों पर्यटक मौजूद थे। यह शर्मसार करने वाली घटना है। जिस समय मूर्ति तोड़ी गई, उसकी फोटो लेने के लिए कुछ फोटोग्राफर भी मौजूद थे। इससे साबित होता है कि सभी लोगों को सरकार का संरक्षण प्राप्त था।”

उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वह राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर दोषियों को पकड़ने की मांग करेंगे। उन्होंने चेताया कि यदि दोषियों को नहीं पकड़ा गया तो इसके गम्भीर नतीजे होंगे। मौर्य ने हालांकि कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की अपील की है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राजधानी लखनऊ के अम्बेडकर पार्क परिसर में स्थापित बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष व राज्य पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति तोड़े जाने की घटना की निंदा करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा, “पूरे मामले की जांच की जा रही है, जो भी इस घटना में शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

मूर्ति तोड़े जाने की घटना की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए अखिलेश ने कहा, “यह प्रदेश में सौहार्दपूर्ण वातावरण को दूषित करने की सुनियोजित कोशिश है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि इस कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने तथा क्षतिग्रस्त मूर्ति को तुरंत ठीक कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। मालूम हो कि मोटरसाइकिल सवार चार से पांच युवकों ने दोपहर करीब 12.45 बजे लखनऊ के गोमतीनगर इलाके स्थित अम्बेडकर पार्क में मायावती की संगमरमर की एक मूर्ति के सिर को हथौड़े से तोड़कर धड़ से अलग कर दिया और उसका हाथ भी तोड़ दिया।

घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि इसके कसूरवारों को बख्श नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं खुद पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव (गृह) और पुलिस उप-महानिरीक्षक से इस मामले में बात करूंगा।”

बताया जाता है कि मूर्ति तोड़ने के बाद ये युवक कुछ पर्चे छोड़कर मौके से फरार हो गए। पर्चे में उन्होंने खुद को उप्र नवनिर्माण सेना का सदस्य बताया है। उधर, बसपा ने घटना की निंदा करते हुए इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

घटना के बाद लखनऊ और नोएडा में बने पार्को व स्मारकों की सुरक्षा बढ़ी दी गई है। मायावती की मूर्ति तोड़े जाने की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे कुछ बसपा कार्यकतरओ ने दोषियों को पकड़ने की मांग लेकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।