लोकायुक्त ने जानी आरएनएन के एमडी से करोड़ों रुपयों के पत्थरों की खरीद की सच्चाई

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री व बसपा प्रमुख मायावती के शासनकाल में हुए घोटालों की परते लगातर खुलती जा रही हैं| अभी हाल ही में इस बात का खुलासा हुआ था कि राजधानी लखनऊ के स्मारकों में लगी मूर्तियों में मायावती ने करीब साढ़े तीन करोड़ रूपये खर्च किये| यह जानकारी उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने सूचना के अधिकार कानून के तहत हाथरस निवासी गौरव अग्रवाल की मांगी गई सूचना पर दी गयी थी|

अग्रवाल द्वारा मांगी गई सूचना में निर्माण निगम ने बताया गया था कि डीपीएम डिजायन अहमदाबाद की तैयार मूर्तियों पर कुल 322 लाख रुपये व रामसुतार फाइन आर्ट व‌र्क्स, नोएडा की तैयार मूर्ति पर कुल 13.62 लाख रुपये खर्च किये गए हैं| निर्माण निगम ने यह भी बताया है कि भीमराव अम्बेडकर समाजिक परिवर्तन स्थल के अन्तर्गत पार्क निर्माण पर 185 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। निगम के मुताबिक, परिवर्तन स्थल के कुल निर्माण में भी 24117 लाख रुपये खर्च हुए|

और अब एक नया मामला सामने आ गया है| राजकीय निर्माण निगम ने वर्ष 2007 से 2011 के बीच लखनऊ और नोएडा के अंबेडकर स्मारकों-पार्कों के लिए 4275 करोड़ रुपये से ज्यादा के पत्थरों की खरीद की। स्मारकों में लगाई गई हाथी व अन्य प्रतिमाओं पर किया गया खर्च इसमें शामिल नहीं है। पत्थरों की खरीद के लिए सरकार की ओर से छह विभागों का बजट राजकीय निर्माण निगम को डायवर्ट किया गया। भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय की ओर से जिस क्वालिटी और कलर के पत्थरों की खरीद का सुझाव दिया गया था, निगम ने उसी की खरीद करके तराशी करवाई। यह खुलासा राजकीय निर्माण निगम की ओर से स्मारकों के निर्माण के संबंध में लोकायुक्त को सौंपी गई रिपोर्ट से हुआ है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्मारकों के निर्माण में हुए घोटाले की जांच कर रहे लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने मंगलवार को राजकीय निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता से लम्बी पूछताछ की| इसके अलावा मेहरोत्रा ने पत्थरों की खरीद से सम्बंधित कुछ दस्तावेजों को कब्जे में ले लिया| सूत्रों का यह भी कहना है कि लोकायुक्त आंबेडकर स्मारकों के निर्माण से जुडी कुछ एजेंसियों के बारे में खोजबीन कर रहे हैं|

यदि निर्माण निगम के विश्वसनीय सूत्रों की माने तो उनका कहना है कि निदेशक गुप्ता ने पूछताछ के बाद लोकायुक्त को पत्थरों की खरीद-फरोख्त और उन्हें राजस्थान भेजकर तराशी कराए जाने के बारे में विस्तृत रिपोर्ट भी सौंपी है। इस रिपोर्ट में लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, संस्कृति विभाग, आवास विकास परिषद, लखनऊ विकास प्राधिकरण व नोएडा प्राधिकरण समेत कुल छह विभागों से निर्माण निगम को 4275 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट आवंटित किया गया। सूत्रों ने बताया इन पैसों से लखनऊ व नोएडा के अंबेडकर स्मारकों के अलावा ईको गार्डन, बौद्ध विहार, स्मृति उपवन आदि के लिए भी पत्थर खरीदे गए। रिपोर्ट में पत्थर खरीद की दरों के अलावा उनकी तराशी तथा राजस्थान ले जाने व वापस लाने पर हुए परिवहन व्यय का भी ब्योरा दिया गया है।