मुवक्किलों से पेशी वसूली पर वकीलों का बवाल, प्रतिबंध को बनायी निगरानी समिति

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फर्रुखाबाद: तरीख पर आने वाले मुवक्किलों से पेशी के नाम पर अवैध वसूली को लेकर सोमवार को वकीलों ने जमकर बवाल किया। संबंधित पेशकार के विरुद्ध कार्रवई को न्यायिक अधिकारी से शिकायत की गयी। वकीलों ने इस पर रोक के लिये एक निगरानी समिति भी गठित की है।

विदित है कि तारीख पर आने वाले मुवक्किलों से पेशी के नाम पर खुलेआम अवैध वसुली का रिवाज काफी पुराना है, व आज तक धड़ल्ले से जारी है। सोमवार को कुछ वकीलों ने एक पेशकार की मेज की गुल्क-नुमा दराज खींच कर उसमें मुड़े तुड़े नोटों को डायस पर उछाल कर जमकर ववाल काटा। इसी बीच वहां पहुंचे पेशकार को भी वकीलों ने जमकर आड़े हाथों लिया। युवा वकीलों का एक गुट इसकी शिकायत करने संबंधित न्यायिक अधिकारी के पास भी पहुंचा। पेशकार की पेशी हुई। नौकरी व बच्चों की दुहाई दी गयी। दोनों पक्षों ने मामले को रफा दफा करने पर सहमति के बद गुल्लक से निकले लगभग दो-ढाई हजार रुपयों को चाय नाश्ते की पार्टी पर ख्रर्च कर चेतावनी दे कर छोड़ दिया गया। बहर हाल युवा अधिवक्ता अब इस परंपरा के विरुद्ध खुल कर बोलने लगे हैं। अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने कहा कि यह भ्रष्टाचार का खुला प्रदर्शन है। इसकों बंद किया जाना चाहिये। उन्होंने बताया कि पेशी पर बंदिश के लिये अब 13 सदस्यीय समिति बनायी गयी है। यह समिति न्यायालयों में घूम-घूम कर इस पर प्रतिबंध की निगरानी करेगी। समिति में श्यामवीर सोमवंशी, केके पाण्डेय, कुंवर सिंह यादव, राजेंद्र यादव, केके गुप्ता, मनोज सक्सेना, राजीव बाजपेयी, गौतम वर्मा, ब्रजेंद्र मोहन अग्निहोत्री, बाबू सिंह सोमवंशी, सुहेल अहमद, राजीव बाथम एडवोकेट आदि के नाम सम्मिलित है।