हर साल आने वाली बाढ़ के कारण बेघरबार हो जाने वाले ग्रामीणों को पुर्नस्थापित करने के लिए अब सरकार उन्हें नि:शुल्क जमीन का आवंटन करेगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मंत्रिपरिषद ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके लिये सरकार निकटतम ग्रामीण क्षेत्र में ही भूमि क्रय करेगी।
तीन वर्ष के अंदर मकान बनाकर नहीं रहे तो होगी वापस
मंत्रिपरिषद ने इसके लिये लाभार्थियों की पात्रता और प्राथमिकता भी निर्धारित कर दी है। प्रभावित व्यक्तियों/परिवारों को 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि का आवंटन नहीं किया जाएगा। इस भूमि को लगान से मुक्त रखा गया है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को छोड़कर शेष अन्य लाभार्थियों को स्थल आवंटन की तारीख से तीन वर्ष के भीतर मकान बनाकर उसका उपयोग शुरू कर देना होगा। भूमि का प्रयोग प्रयोजन के अनुसार न करने पर उसका अधिकार समाप्त हो जायेगा और भूमि प्रबन्ध समिति अपने अधिकार क्षेत्र में ले लेगी।
इनको होगा आवंटन : ग्राम सभा में निवास करने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले सामान्य श्रेणी के खेतिहर मजदूर या ग्रामीण शिल्पकार को अधिमान क्रम में भूमि आवंटित की जायेगी। गाव में निवास करने वाले किसी अन्य खेतिहर मजूदर या ग्राम के कारीगर के अलावा ग्राम सभा में निवास करने वाले, अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले सामान्य श्रेणी के व्यक्ति को अधिमान क्रम में वरीयता दी जायेगी। गाव में निवास करने वाले विकलाग व्यक्ति तथा विस्थापित सामान्य श्रेणी के सभी व्यक्ति/परिवार को नि:शुल्क भूमि आवंटित की जाएगी।