जनलोकपाल की मांग को लेकर सरकार को परेशानी में डालने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे की केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद से हुई गुपचुप मुलाकात पर सवाल उठने लगे हैं। पत्रकारों ने अन्ना से जब इस मुलाकात के बारे में सवाल किया तो वह भड़क गये।
बताया जा रहा है कि अन्ना और सलमान की यह मुलाकात बीते 23 को हुई थी। पुणे-नासिक हाईवे से 90 किलोमीटर दूर फिरौदिया नाम के गेस्ट हाउस में हुई इस मुलाकात के बारे में अब अन्ना कुछ भी बोलना नहीं चाह रहे हैं। हालांकि उन्होंने इससे इनकार भी नहीं किया कि उनकी सलमान खुर्शीद से मीटिंग हुई थी। उन्होंने कहा कि समय आने पर सब कुछ बता देंगे। जिस रिपोर्टर ने अन्ना ने यह सवाल किया उस पर ही अन्ना भड़क गए। उन्होंने पूछा, ‘आपकी इसमें क्यों दिलचस्पी है? अन्ना को जब पारदर्शिता का हवाला दिया गया, तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि ‘पारदर्शिता के चक्कर में जेल जाना पड़ेगा।’ गौरतलब है कि इस प्रेस कांफ्रेंस में अन्ना के साथ बाबा रामदेव भी थे।
खुर्शीद ने इस सवाल के जवाब में संकेत दिया कि वो अन्ना से मिले हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अच्छे लोगों से मिलता रहता हूं।’ हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि दोनों के बीच क्या बात हुई? वहीं कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी इस सवाल के जवाब से पल्ला झाड़ते दिखे।
केंद्रीय मंत्री अपनी पत्नी लुई खुर्शीद के साथ अन्ना से मिलने नासिक पहुंचे। कयासों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने अन्ना से अनुरोध किया कि टीम अन्ना की तरफ से जारी की गई भ्रष्ट मंत्रियों की लिस्ट में से उनका नाम हटा लिया जाए, या आगामी आंदोलन के दौरान कब क्या हो, इसका खाका पहले ही तैयार कर लिया गया हो।
ऐसी खबर है कि अन्ना और उनके ड्राइवर ही इस मुलाकात में आए थे इसलिए इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अन्ना इस मीटिंग में अकेले ही आए और उनके सहयोगियों को इसकी जानकारी नहीं थी। अन्ना के बेहद करीबी माने जाने वाले और अन्ना की सभी गतिविधियों की जानकारी देते रहने वाले सुरेश पठारे ने भी इस बाबत कुछ नहीं बताया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले टीम अन्ना ने बीते 26 मई को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित 15 मंत्रियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया था। टीम अन्ना ने भ्रष्टाचार के आरोपों के सबूत के तौर पर दस्तावेजों के साथ एक चिट्ठी पीएम को लिखी थी। इसमें हजारे के अलावा अरविंद केजरीवाल, शांति भूषण, प्रशांत भूषण, किरण बेदी और मनीष सिसौदिया के दस्तखत थे।
इधर, 25 जुलाई से शुरू होने वाले टीम अन्ना के बेमियादी अनशन से पहले पीएमओ ने अन्ना को चिट्ठी लिखी है। पीएमओ में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने अन्ना हजारे को लिखी चिट्ठी में कहा कि सरकार टीम अन्ना की मांग पर संसद के विचार को आधार बनाकर भ्रष्टाचार से लड़ने में मददगार कानून बनाना चाहती है। नारायणसामी ने मंगलवार को कहा कि यूपीए सरकार संसद की इच्छा के मुताबिक लोकपाल बिल पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध है।