तहसील दिवस में आये 137 प्रार्थनापत्रों में मात्र 7 का निस्तारण

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फर्रुखाबाद: प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार आने के बाद लोगों ने यह आशा जतायी थी कि दबंगई, गुन्डई, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगकर अब कुछ गरीब मजलूमों की भी अधिकारी सुनेंगे। लेकिन यहां से पिछली सरकार से भी बदतर हालत होने जा रही है। समाजवादी पार्टी में यह दूसरा तहसील दिवस था जिसमें सदर तहसील में कुल 137 प्रार्थनापत्रों में मात्र 7 का ही मौके पर निस्तारण किया जा सका है। जिससे यह नहीं लग रहा है कि तहसील दिवस में आये 130 प्रार्थनापत्र त्वरित व मौके पर निस्तारित किये ही नहीं जा सकते थे। इसे अधिकारी की हीलाहवाली कहें या लापरवाही। तहसील दिवस हो या थाना दिवस गरीब व पीड़ित आम आदमी अभी भी भटकने को मजबूर है।

तहसील सदर में हुए जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी की अध्यक्षता में हुए तहसील दिवस में कुल 137 प्रार्थनापत्र आये जिनमें 14 पुलिस से सम्बंधित, 60 राजस्व से सम्बंधित, 11 नगर पालिका, 12 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से सम्बंधित, 2 जलनिगम, 3 डीआईओएस, 1 जिला पूर्ति अधिकारी, 3 विद्युत, 6 समाज कल्याण अधिकारी, 4 विकास, 1 प्रोवेशन, 1 आपूर्ति, 10 चकबंदी, 21 पिछड़ा वर्ग, 4 डूडा, 1 सीडीपीओ, 1 विपणन व 4 समस्यायें स्वास्थ्य विभाग से सम्बंधित आयीं। जिनमें से 3 चकबंदी व 4 राजस्व के मात्र 7 प्रार्थनापत्रों का ही निस्तारण किया जा सका।

तहसील दिवस में अधिकतर मामले ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जे के मामले आये। जिनमें भी अधिकतर यादवों द्वारा किये गये अवैध कब्जे हैं। ग्राम कुबेरपुर जुन्नादार शमशाबाद के ग्राम प्रधान पंचमलाल ने लेखपाल नरेश पाल से साठगंाठ कर गांव के ही कालिका प्रसाद के नाम तीन बीघा जमीन में से अपने भाई रवी के नाम करवा ली। जिसकी शिकायत उसने तहसील दिवस में की तो जिलाधिकारी ने उस पर जांच कर कार्यवाही करने के आदेश दिये।