फर्रुखाबाद: थाना शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम कलुआ निवासी पंकज दिवाकर की 22 वर्षीय पत्नी अंजू ने पति के साथ जाने की जिद को लेकर फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया लेकिन तब तक परिजनों ने अंजू को फांसी लगाते देख लिया और अनहोनी से पहले ही उन्होंने फांसी पर लटक चुकी अंजू को नीचे उतारकर आवास विकास के एक प्राइवेट नर्सिंगहोम में भर्ती कराया।
घायल अंजू के पति पंकज दिवाकर ने बताया कि उसकी शादी शहर क्षेत्र के ग्राम अमेठी से तकरीबन एक वर्ष पूर्व मुखलाल की पुत्री अंजू के साथ धूमधाम से हुई थी। शादी के कुछ महीनो बाद तकरीबन 6 माह पूर्व मैं गोरखपुर में हेमंत बेकरी पर लेवरी की नौकरी तीन हजार रुपये में करने लगा। मेरे पिता बृजनंदन सिंह घर पर मजदूरी करते हैं। परिवार में मेरे अलावा दो भाई नीरज और नीलू हैं। चार बहने भी हैं। जिनका खर्चा हम लोगों के सिर पर ही है। शादी के बाद जब से मैं नौकरी करने गया तभी से अंजू साथ चलने की जिद करती थी। बीते एक माह पूर्व मैं गोरखपुर से छुट्टी लेकर अपने घर कलुआ आया। चार पांच दिन के बाद मैं जाने वाला था। जिस पर पत्नी ने साथ चलने की बात कही। मना करने पर उसने कमरे को बंद करके बैड पर कुर्सी रख अपनी ही साड़ी से कुन्दे से लटक कर फांसी लगाने का प्रयास किया। लेकिन मौके पर हम लोगों के पहुंच जाने के बाद उसे दरबाजा तोड़कर नीचे उतारा तो उसकी नाड़ी चल रही थी। जिस पर हम लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
अंजू के पिता मुखरलाल ने बताया कि एक माह पूर्व अंजू अपने मायके से ससुराल आयी थी। मायके में तकरीबन ढाई महीने रुकी। मुखरलाल ने बताया कि उसकी सास व अन्य लोगों से झगड़ा होता रहता था। फांसी क्यों लगायी यह अभी तक पता नहीं चला। फिलहाल दोनो पक्ष के लोग अस्पताल में मौजूद थे। पुलिस को सूचना नहीं दी गयी है।