अपनी गरीबी को बेटे के भविष्य के आड़े नहीं आने दिया

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फर्रुखाबाद: आर्मी स्कूल फतेहगढ़ से प्राथमिक शिक्षा पाये नगला दीना निवासी मामूली टीवी मिस्त्री राकेश अरोरा के पुत्र रजत अरोरा ने अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के माध्यम से एमटेक में प्रवेश पाकर जनपद का नाम रोशन कर दिखाया है। अपने बेटे की सफलता से गदगद रजत अरोरा के पिता राकेश अरोरा का कहना है कि उन्होंने अपनी गरीबी को बच्चे के भविष्य के आड़े कभी नहीं आने दिया।

नगला दीना में इलेक्ट्रानिक्स की मामूली सी दुकान करने वाले राकेश अरोरा ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका बेटा कभी राष्ट्रीय स्तर की अनुसंधानिक संस्था के माध्यम से एमटेक की डिग्री हासिल करेगा। लेकिन प्रतिभा और ज्ञान किसी से पूछकर नहीं आते। यह तो भगवान का दिया हुआ एक गिफ्ट कहें या अपनी मेहनत की कमाई। कहते हैं जब भाग्य और मेहनत दोनो ही होते हैं तभी किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।

ऐसा ही शायद फतेहगढ़ के नगला दीना निवासी राकेश अरोरा का कहना है कि उन्होंने मामूली टीवी व इलेक्ट्रानिक्स की दुकान करने के बावजूद भी अपनी गरीबी को बेटे की पढ़ाई में कभी भी आड़े नहीं आने दिया। हर संभव बेटे के भविष्य के बारे में सोचा। रजत ने ऐरोनाटिकल सोसाइटी आफ इंडिया न्यू देहली के माध्यम से बीई डिग्री प्राप्त की व 2011 में एरोस्पेस इंजीनियरिंग में 48वीं रैंक प्राप्त की। अब उसने इसरो के माध्यम से एमटेक में प्रवेश पा लिया। रजत को प्रवेश मिलने के बाद उसकी मां रेनू अरोरा व पिता राकेश अरोरा की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।

वहीं रजत अपनी सफलता का मूल माता पिता व अपने संस्थान रामानुजन सेन्टर फार एरोनाटिकल रिसर्च एण्ड एजूकेशन सेन्टर के डायरेक्टर प्रशांत कुमार को मान रहे हैं। रजत का कहना है कि इन सभी ने हमें हर मोड़ पर प्रेरित किया है व लगातार आगे बढ़ते रहने का हौसला दिया है।