मायावती ने ईनाम दिया है कि गाज गिरी है पता ही नहीं चलता

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बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि यूपी सरकार को पैकेज देकर केन्द्र की यूपीए सरकार ने राष्ट्रपति चुनाव में सपा का समर्थन हासिल किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में बसपा की सरकार के दौरान 80 हजार करोड़ का पैकेज की मांग की गई थी, क्या कारण था केन्द्र सरकार ने पैकेज की मांग की तरफ ध्यान नहीं दिया।

 

बसपा अध्यक्ष बुधवार को प्रदेश कार्यालय में पार्टी के सांसदों विधायकों व पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहीं थी। उन्होने पूर्व मंत्री राम अचल राजभर को प्रदेश का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। स्वामी प्रसाद मौर्या के विधानसभा में नेता विपक्ष की भूमिका निभाते रहेगें। अब तक उनके पास दोनों पद थे। मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए अब वे ज्यादा समय प्रदेश से बाहर रहेगीं इस लिए उनकी गैर मौजूदगी में स्वामी प्रसाद मौर्य के ऊपर जिम्मेदारी ज्यादा रहेगी।

 

बैठक में विधानसभा चुनाव में करारी हार के झटके से ऊबरते हुए मायावती लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। जिन लोकसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों को हरी झंडी दी गई उनकी तैयारियों की समीक्षा की गई। बसपा अध्यक्ष ने पहली बार पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं नसीमुद्दीन सिद्दीकी व स्वामी प्रसाद मौर्य को अधिकृत प्रवक्ता बनाया है। बैठक में उन्होने आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए चट्टान की तरह साथ खड़े रहने के लिए कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों तथा हरीश साल्वे और पार्टी महासचिव व अधिवक्ता एससी मिश्र को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि कैसे 2003 में उनके खिलाफ ताजकारीडोर मामले में केस दर्ज किया गया था। मायावती ने कहा कि 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उप्र में समझौता कर 60 सीटें चाहती थी लेकिन उन्होने मना कर दिया। इसके बाद तत्कालिन एनडीए सरकार ने साजिश रच कर उन्हे फंसाया। केन्द्र सरकार से उप्र की सपा सरकार को मिल रहे पैकेज पर टिप्पणी करते हुए मायावती ने कहा कि इस पैकेज से प्रदेश का विकास होने के बजाए इसका दुरूपयोग होगा।

 

राम अचल को प्रदेश बसपा का अध्यक्ष नियुक्त करने के साथ मायावती ने उनके दौरे व कामकाज की रूपरेखा भी निर्धारित कर दी है। राजभर महीने में हर दिन एक मंडल मुख्यालय पर पार्टी पदाधिकारियों की बैठक करेगें। राज्य में 17 मंडल है। इसके साथ ही उत्तराखंड के चार मंडल के लिए चार दिन का समय देगें। रामअचल बसपा सरकार के दौरान दो बार परिवहन मंत्री रह चुके है। पूर्वी उप्र में राजभर समुदाय की अच्छी संख्या है।