फर्रुखाबाद: नगर पालिका फर्रुखाबाद का पुराना इतिहास यही है पहले इस्तेमाल करें फिर विश्वास करें। हर वह गैर कानूनी कार्य जो नगर पालिका की नजर में गलत है वह पूरी तरह से जब तक शबाब पर नहीं पहुंच जाता तब तक नगर पालिका नहीं चेतती और बाद में इसका खामियाजा अशिक्षित या कहिए कानून न जानने वाली जनता को भुगतना पड़ता है। परिणाम स्वरूप नगर पालिका ने शहर में मंगलवार को अभियान चलाकर 400 शुष्क शौचालयों को तुड़वा दिया।
विदित हो कि पिछले कुछ दिनों पूर्व छावनी परिसर में नगर पालिका ने कई मकान इस बजह से गिरवा दिये थे कि वह अवैध रूप से बनाये गये थे। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि जब मकान बन रहे थे तब क्या पूरी नगर पालिका कर्मचारी व अधिकारी छुट्टी पर थे। जब नाला चोक हो गया तो नगर पालिका को अवैध रूप से बनाये गये मकानों की सुधि आयी। इसी तरह न जाने कितने अवैध मकान नगर पालिका की लापरवाही अथवा मिलीभगत से बन गये। लेकिन अभी उसे कोई देखने वाला नहीं है।
यही हाल शुष्क शौचालयों का है। मंगलवार को नगर पालिका के कर्मचारियों व अधिकारियों ने अभियान चलाकर लगभग 400 शुष्क शौचालयों को गिरवा दिया। प्रदेश में शुष्क शौचालयों को जलप्रवाहित शौचालयों में बदलने का काम अभी से नहीं वर्षों पहले से अभियान चलाकर किया गया। अभी तक न जाने कितनी बार अभियान इसी फर्रुखाबाद में चलाया जा चुका है। तब नगर पालिका को ये 400 शुष्क शौचालय नजर नहीं आये।
यही नहीं नगर पालिका द्वारा गरीबों को दरकिनार कर सुविधा सम्पन्न लोगों के यहां तो जल प्रवाहित शौचालय बना दिये गये लेकिन जिनके पास कोई सुविधा नहीं थी उनकी तरफ मुहं मोड़कर नहीं देखा। अब जब गरीब व बेसहारा लोगों के पास कोई साधन नहीं है तब नगर पालिका ने शुष्क शौचालयों को तुड़वा तो दिया लेकिन इन गरीबों को कोई जल प्रवाहित शौचालय उपलब्ध नहीं कराया। जिससे शहर में मंगलवार को 400 परिवारों को बेहद कठिनाई होगी। जो भी हो भ्रष्टाचार नगर पालिका का ही होता है और उसका खामियाजा हमेशा नगर की जनता भुगतती है।
नगर पालिका के धर्मेन्द्र गुप्ता ने बताया कि तुड़वाये गये सभी शौचालयों के मालिकों को कुछ समय पहले नोटिस जारी करा दिया गया था। जिसके बावजूद उन लोगों ने शौचालय नहीं तोड़े। आज प्रात: मुनादी भी करायी गयी। इसके बाद शौचालय तोड़ने की कार्यवाही की गयी। शौचालय तोड़ने के लिए पूरे शहर में 10 टीमें लगायी गयीं थी। जिन्होंने 400 शुष्क शौचालयों को तोड़ा। इस मौके पर पुलिस बल भी मौजूद रहा।