यूपीए के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी के खिलाफ बीजेपी अदालत में चुनाव याचिका दायर कर सकती है। यह संकेत भाजपा के विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख सत्यपाल जैन ने बुधवार को दिए। जैन इस मामले में राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार पीए संगमा के वकील भी हैं। मामला कथित रूप से लाभ के पद पर रहते हुए प्रणब मुखर्जी द्वारा राष्ट्रपति चुनाव का नामांकन दाखिल करने का है।
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि मुखर्जी ने नामांकन पत्र भरने से पहले भारतीय सांख्यिकी संस्थान-आईएसआई-के चेयरमैन पद से इस्तीफा नहीं दिया था। यह लाभ का पद है। संगमा ने यह मसला उठाते हुए मुखर्जी के नामांकन पर आपत्ति दर्ज कराई थी। जिसे निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दिया था।
संगमा ने बुधवार को चुनाव आयोग से इस आदेश की कॉपी मांगी। इस पर आयोग ने राज्यसभा महासचिव कार्यालय से कहा है कि वह संगमा को आदेश की कॉपी उपलब्ध कराए। उन्हें नामांकन पत्रों की जांच प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज भी उपलब्ध कराए जाएं। संगमा ने बुधवार को लोकसभा की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज से भी मुलाकात की। बातचीत करीब दो घंटे चली। बाद में भाजपा नेता एसएस अहलूवालिया ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी के आदेश की कॉपी मिलने के बाद पार्टी अगले कदम पर फैसला करेगी। सभी विकल्प खुले हैं।
आगे क्या?
भाजपा का संसदीय बोर्ड मुखर्जी के खिलाफ अदालत में चुनाव याचिका दायर करने का फैसला ले सकता है। अगर तय हुआ तो चुनाव परिणाम आने के बाद याचिका दायर की जा सकती है।