लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानमण्डल क्षेत्र विकास निधि बढ़ाकर 1 करोड़ 50 लाख रुपये प्रति विधायक करने की घोषणा की है। उन्होंने इस निधि से 20 लाख रुपये तक का वाहन खरीदने की अनुमति देने की घोषणा करते हुए कहा कि यदि विधायक चाहें तो वे इस निधि से अपने उपयोग हेतु निर्धारित धनराशि की सीमा तक वाहन क्रय कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां विधानसभा में उत्तर प्रदेश विनियोग विधेयक, 2012 को ध्वनि मत से पारित होने के बाद बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र विकास निधि से खरीदे वाहन का प्रतिवर्ष डिप्रेसियेशन मूल्य निर्धारित किया जायेगा। 5वें वर्ष वाहन की स्थिति को देखते हुए निर्धारित की गयी धनराशि जमा कराकर सम्बन्धित विधायक वाहन अपने पास भी रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि विधायकों को वाहन संचालित करने के लिये ईंधन या कोई अन्य सुविधा नहीं दी जायेगी। उक्त वाहन की सुविधा सम्बन्धित विधायकगणों द्वारा अपने क्षेत्र में विकास योजनाओं का निरीक्षण करने व व्यापक जनसम्पर्क कर जनसमस्याओं का निराकरण करने हेतु आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत पिछड़ेपन के मानक के अनुसार गांवों की सूची तैयार होने के बाद, उक्त सूची में से सम्बन्धित विधायक की सहमति से गांव चयनित किये जाने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विधायकों की संस्तुति पर 5000 की आबादी से अधिक के 02 गांवों में पाइप के माध्यम से जलापूर्ति की व्यवस्था करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोराइड अथवा आर्सेनिक की समस्या से प्रभावित गांवों में भी पाइप से जलापूर्ति पर विचार करेगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के बिजली संकट की चर्चा करते हुए कहा कि यह समस्या पिछली सरकार की देन है। वर्तमान राज्य सरकार इस संकट से निजात दिलाने के लिये गम्भीरता से प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा निजी क्षेत्र की 10 तापीय विद्युत परियोजनाओं के लिए कोल लिंकेज की व्यवस्था किये बगैर, मेमोरेण्डम ऑफ़ अन्डरस्टैण्डिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया था। यदि केन्द्र सरकार इन परियोजनाओं के लिये कोल-लिंकेज की व्यवस्था नहीं करती है तो राज्य सरकार को इन कम्पनियों की मांग पर आयातित कोयले से बिजली के उत्पादन व्यवस्था पर विचार करना पड़ेगा। उन्होंने विधानसभा के सभी सदस्यों से आवश्यकतानुसार आयातित कोयले का प्रयोग कर विद्युत उत्पादन की अनुमति प्रदान करने का आग्रह करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार यह देखेगी कि आयातित कोयले से उत्पादित बिजली की दरें प्रतिस्पर्धात्मक एवं औचित्यपूर्ण हों। उनके इस प्रस्ताव को विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
यादव ने सत्र के दौरान परिश्रम से कार्य करने के लिये विधानमण्डल के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की सराहना करते हुए 5 हजार रुपये मानदेय देने की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार मार्शलों के वेतन तथा वर्दी आदि समस्याओं पर शीघ्र निर्णय लेगी। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी ग्रामीण चौकीदारों को वर्दी, टार्च तथा साइकिल की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि जो लोकतांत्रिक परम्परायें समाप्त हो गयी थीं, इस सत्र से वह दोबारा स्थापित हुई हैं। उन्होंने कहा कि स्वाभाविक तौर पर क्षेत्रीय जनता चाहती है कि उसके प्रतिनिधि विधानसभा के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान करायें। उन्होंने कहा कि लम्बे समय तक विधानसभा का सत्र चलने के कारण विधायकों को अपनी क्षेत्रीय जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का मौका मिला।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा के सदस्यों को भरोसा दिलाया कि बजट पारित हो जाने के बाद अब वित्तीय स्वीकृतियां शीघ्र जारी की जायेंगी, ताकि मौके पर काम शुरु हो। उन्होंने कहा कि बजट के माध्यम से उनकी सरकार ने जनता से किये वायदे को पूरा करने का प्रयास किया है। बाद में 16वीं विधानसभा का प्रथम सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। विधान सभा में दिए गए वक्तव्य के बाद आज ही मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में सदस्यों को इन्हीं घोषणाओं की जानकारी दी।