शहर में जलभराव से कहीं खुशी, कहीं गम

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फर्रुखाबाद: शहर में जलभराव की स्थिति अब किसी से छिपी नहीं। मीडिया में खबरें छपने के बाद हरकत में आये प्रशासन व नगर पालिका के सिर का दर्द बना जल भराव। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी हैं जिनको यह जलभराव रास आ रहा है।

शहर में नाली, रोड़, मकान, गली अधिकतर जगह पानी घुटनों तक आ चुका है। जिससे क्षेत्र में घूमने वाले सुअरों की पौबारह हो गयी है। बाड़े से निकलने के बाद बाड़े के बाहर स्विमिंग पूल की व्यवस्था नगर पालिका ने जो कर दी है। आराम से तैर कर एक जगह से दूसरी जगह पहुंचकर सुअर जलभराव का पूरा आनंद ले रहे हैं। वहीं शौच जाने के लिए अब बच्चों को पानी साथ में ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। उनके लिए सबसे ज्यादा खुशी की बात यह है कि घर से निकलते ही उनके दरबाजे पर नगरपालिका द्वारा मुफ्त में उपलब्ध कराया गया पानी जो है।

बीते पांच वर्षों में नगर पालिका नलों की टोटियों में तो पानी ठीक से उपलब्ध नहीं करा पायी लेकिन पांच साल पूरे होते ही उसने अपना सारा कर्ज चार दिन में ही चुकता कर दिया और पूरे शहर में जल भराव से दरबाजे तक बंद कर दिये। सबसे ज्यादा परेशानी इस समय स्कूल जाने वाले बच्चों को है। इसके अलावा शुद्ध पानी की भी लोगों को किल्लत बनी हुई है। गंदा सड़ा हुआ पानी नल के आस पास जमा होने और पाइप लाइनों से भी पानी के साथ कचड़ा आने से मोहल्ले वासियों के सिर का दर्द बन गया है।

नगर पालिका पूरे वर्ष कामचोरी कर प्रशासन की आंखों में धूल झोंकती रही और कागजों में सफाई दिखाकर अच्छी खासी आमदनी कर ली। नगर पालिका ने अगर अपना कर्तव्य ठीक से निभाया होता तो आज शहर की यह दशा नहीं होती।