शाक्यों ने मीडिया में हाईलाइट होने के लिए पलायन का ड्रामा किया : एसडीएम कायमगंज

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फर्रुखाबाद: थाना शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम अकबरपुर दामोदर में पुश्तों से निवास कर रहे शाक्य बिरादरी के लोग यादवों की गुन्डई व प्रशासन की लापरवाही से पलायन के लिए मजबूर हो गये। बीते चार दिनों से पलायन कर रहे शाक्य समाज के ग्रामीणों में मात्र फूलसिंह ही गांव में बचा था,वह भी प्रशासन की राह ताकते-ताकते गांव से पलायन कर गया। लेकिन उपजिलाधिकारी कायमगंज का कहना है कि शाक्य समाज मीडिया में हाईलाइट होने के लिए ड्रामा कर रहा है।

वैसे तो प्रदेश के अधिकांश जनपदों में यादवों का कहर अन्य छोटी जातियों पर जारी है, लेकिन जनपद फर्रुखाबाद  के थाना शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम अकबरपुर दामोदर में यादवों से शाक्य समाज के लोग इतने ज्यादा भयभीत हो गये कि एक-एक कर पूरे गांव के लोग पलायन कर गये। प्रशासनिक अधिकारी कार्यवाही के नाम पर मात्र जांच ही करते रहे लेकिन किसी भी ग्रामीण को न्याय व सुरक्षा का भरोसा न दिला सके। हद तो तब हो गयी जब यादवों की ज्यादती से परेशान शाक्य समाज के लोगों पर ही शमशाबाद थानाध्यक्ष ने शांति भंग की आशंका में पाबंद कर दिया व वर्षों से ग्राम समाज की भूमि पर पड़े घूरे को हटवा दिया।

हालांकि दरोगा जी ग्राम समाज की जमीन को शाक्य समाज से छीनकर यादवों को हस्तांतरित नहीं कर सके। लेकिन उन्होंने यादवों को इतनी खुली छूट दे दी कि शाक्य समाज के लोग यादवों से भयभीत होकर अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गये।

इन्हीं में से भयभीत शाक्य समाज के  एक अदद व्यक्ति फूलसिंह ने बताया कि उसके सभी परिजन पहले ही गांव छोड़कर रिश्तेदारियों में चले गये हैं। अब वह भी इस गांव में अकेले क्या करेगा, और यही पीड़ा लिए फूलसिंह भी अपना घर छोड़कर सोमवार को चला गया। लेकिन प्रशासन शाक्य समाज की सुरक्षा व न्याय का भरोसा नहीं दिला सका। प्रशासनिक कार्यवाही के नाम पर उपजिलाधिकारी जांच करने तो अकबरपुर दामोदर गांव पहुंचे लेकिन थानाध्यक्ष डी के सिसोदिया तक ही उनकी जांच सीमित रह गयी। जिसका फायदा यादव समाज के लोग बखूबी उठा रहे हैं।

जो भी हो उत्तर प्रदेश सरकार के लिए यह बहुत ही निंदनीय बात है कि सरकार एक जाति विशेष की सरकार बनकर रह गयी। एक जाति विशेष के खिलाफ एक शब्द भी  कोई भी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। चार दिन से धीरे-धीरे पूरा गांव खाली हो गया लेकिन प्रशासन की आंखों पर आज भी पट्टी बंधी हुई है। जिसका खामियाजा इन गरीब व मजलूमों को भुगतना पड़ रहा है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इन शाक्य समाज के ग्रामीणों को वापस उनके आवास पर ला सकेगा……………….।

उपजिलाधिकारी कायमगंज अरुण कुमार ने बताया कि मंगलवार को दोनो पक्षों को बुलाकर वार्ता करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि गांव से पलायन नहीं हुआ है, केवल महिलाए और बच्चे ही आस पास की रिश्तेदारियों में चले गये हैं। पुरुष वर्ग गांव में ही है। उनसे इस परिस्थिति के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि शाक्य लोग केवल मीडिया में हाईलाइट होने के लिए पलायन का ड्रामा कर रहे हैं।