फर्रुखाबाद: सरकार चाहे जितने प्रयास कर ले लेकिन साहूकारों के चंगुल में आज भी किसान बुरी तरीके से फंसा पड़ा है। सरकारी बैंकों की कागजी खानापूरी व जटिल प्रोसीजर से गुजरने से अच्छा आज भी वह साहूकारों से पैसा लेना अच्छा समझ रहा है। जिससे उत्तर प्रदेश का किसान आज भी कर्ज में ही जन्म लेता है और कर्ज छोड़कर ही मौत हो जाती है। ऐसा ही एक मामला कायमगंज क्षेत्र के ग्राम भटासा का है। जहां पर एक दलित किसान को ब्याज न देने पर साहूकार ने बंधक बना लिया है। पीड़ित की पत्नी ने एएसपी से गुहार लगायी है।
दलित किसान रामरक्षपाल की पत्नी संतोष कुमारी जाटव ने शनिवार को अपर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश सिंह को बताया कि नगला गुरुदयाल निवासी संग्राम सिंह से पांच हजार रुपये आर्थिक तंगी में उधार लिये थे। जिसके बाद ब्याज सहित वह रुपया बढ़कर 20 हजार हो गया। जिसको मैने संग्राम सिंह को वापस कर दिया। लेकिन संग्राम सिंह इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि मैने उनका हिसाब पूरा चुका दिया है। 29 जून को शाम 7 बजे संग्राम सिंह व उसके पुत्र नीतू ने मेरे पति रामरक्षपाल जाटव को यह कहते हुए जबर्दस्ती पकड़कर बंधक बना लिया कि तुझ पर 10 हजार रुपये ब्याज का बकाया है। जिसको चुकाये बगैर छोड़ा नहीं जायेगा।
फिर शुरू हुआ पुलिस से शिकायत करने का सिलसिला। दलित किसान की पत्नी संतोष कुमारी जाटव कायमगंज थाने पहुंची तो सत्ता के दबाव से कंपकंपा रही खाकी ने उसकी रिपोर्ट तक दर्ज करना मुनासिब नहीं समझा। लेकिन एक भरोसे की आस अभी भी जिंदा थी कि उच्चाधिकारियों से शिकायत कर दे तो दबंगों पर कार्यवाही हो जायेगी। इसी आस को लेकर शनिवार को अपर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश सिंह के सामने शिकायत करने पहुंची संतोष कुमारी ने पूरा वाकया एएसपी को सुनाया। कार्यवाही के नाम पर एएसपी साहब जांच की जायेगी का आश्वासन ही दे पाये। पीड़ित संतोष कुमारी के अनुसार उसके पति को अभी भी दबंग साहूकार बंधक बनाये है। पीड़िता ने पति को छुड़ाने की गुहार लगायी है।