सोनाली गुप्ता ने पहनाई समर्थको को समाजवादी टोपी

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फर्रुखाबाद: चुनाव प्रचार में एक नयी मुसीबत रिक्शा वाले के लिए| रिक्शे पर लदी साइकिल की खीचा तानी मच गयी है| शंख वाला अपनी साइकिल बता रहा है तो रिक्शा वाला अपनी| बैठे ठाले जनता मुसीबत में पड़ गयी है| वैसे भी नगर में कितना समाजवादी वोट ही है और जो है उसमे भी असली नकली का चक्कर फस गया है|

खालिस समाजवादी रहे स्व किशनलाल गुप्ता की अनुज बहु सोनाली गुप्ता खुद को समाजवादी का असली सिपाही बता रही है है| उनके दफ्तर का उद्घाटन भी सपा बसपा कांग्रेस जैसी कई पार्टियो के फेरे लगा चुके पूर्व और वर्तमान समाजवादी छोटे सिंह और नगर के सबसे बुजुर्ग समाजवादी गिरीश चन्द्र कटियार द्वारा किया गया| जब तक जिलाध्यक्ष ने रिक्शा को समर्थन नहीं दिया था, विकास गुप्ता भी शंख बजा रहे थे| खैर अब तो वे चुनावी परदे से ही विलुप्त चल रहे हैं| लेकिन अब जबकि चुनाव प्रचार का केवल एक दिन ही बचा है सोनाली गुप्ता ने अपने सभी समर्थको सहित अपने पति को भी समाजवादी लाल टोपी पहना कर बाजार में जसला करा दिया| लाल टोपी लगाये सोनाली के समर्थको ने दिन भर नगर की गालिओ और बाजार में घूम घूम कर न केवल प्रचार किया बल्कि “शंख” चुनाव चिन्ह भी समाजवादी समर्थित घोषित कर दिया| उनके पति ने लाल टोपी लगाकर दर्जनों जगह फूलमाला पहन स्वागत भी करा लिया| अब लाल टोपी लगाये घूम रहा तो ये पूछने की किसकी हिम्मत कि कौन पार्टी है| भूल गए क्या खुली हमारी, बंद तुम्हारी|

अब मुसीबत रिक्शा की है| पुराने हाथी वाले साथियो सहित हाजी ने साइकिल और पंजे का समर्थन तो हासिल कर लिया मगर कभी कोई पंजा नाले पर हाथ मिला आता है तो कभी कोई अपनी लिए साइकिल चौक होते हुए बजरिया तक घूम आता है| हाथी भी कण्ट्रोल से बाहर हो गया| बड़े बड़े हाथी जोनल की मीटिंग होते ही चौक पर चले गए| इससे तो अकेले ही अच्छे थे| अब ये नयी मुसीबत सोनाली ने पैदा कर दी लाल टोपी पहनाने की| अब मान लो अंत समय में टोपी सिलवा भी ले मगर अकेले टोपी से कैसे काम चलेगा| किराये का हाथी और उधार का पंजा भी तो फडफडा रहा है|