लोहिया की कर्मभूमि से विद्युत परियोजना बाराबंकी स्थानांतरित करने का जताया विरोध

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फर्रुखाबाद: समाजवादी नेता सतीश दीक्षित ने लोहिया की कर्मभूमि कहे जाने वाले फर्रुखाबाद जनपद से 250 मेगावाट विद्युत परियोजना बाराबंकी स्थानांतरित करने का विरोध जताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर स्थानांतरित परियोजना को जनपद में वापस लाने की मांग की है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजे गये पत्र में सतीश दीक्षित ने कहा है कि पूरे प्रदेश को विकास के रास्ते पर लाने का दायित्व और कर्तव्य मुख्यमंत्री का है परन्तु किसी स्थान के लिए पूर्व स्वीकृत परियोजना को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किए जाने को किसी भी दशा में उचित नहीं ठराया जा सकता।

संज्ञान में आया है कि फर्रुखाबाद के लिए प्रस्तावित 250 मेगावाट की विद्युत परियोजना अब बारावंकी में स्थापित होगी। श्री दीक्षित ने कहा कि बाराबंकी में एक नहीं दो परियोजनायें लगें इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी। परन्तु फर्रुखाबाद के लिए प्रस्तावित परियोजना बारावंकी स्थानांतरित की जाए यह बहुत ही दुखद समाचार है। इस स्थान परिवर्तन के पीछे कोई भी कारण या समस्यायें हों। उन्हें दूर किया जाना चाहिए उनका समाधान किया जाना चाहिए। परन्तु इस जनपद के लिए प्रस्तावित परियोजना को अन्यत्र ले जाना न्याय संगत नहीं है।

उन्होंने कहा कि परियोजना के स्थानांतरण का कष्ट तब और बढ़ गया जब यह संज्ञान में आया कि यह निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया। क्या इस निर्णय से पूर्व आप सहित मंत्रि मण्डल के किसी भी सदस्य को यह स्मरण नहीं रहा कि फर्रुखाबाद डा0 राममनोहर लोहिया की कर्मभूमि है। यहां के लोग जबर्दस्त अघोषित बिजली कटौती सम्बंधी नारकीय अव्यवस्था और अधिकारियों की तानाशाही, लूट और भ्रष्टाचार से बहुत लंबे समय से जूझ रहे हैं।

श्री दीक्षित ने मांग की है कि बाराबंकी में नए पावर प्रोजेक्ट की स्थापना अवश्य कराइये। परन्तु फर्रुखाबाद के लिए प्रस्तावित पावर प्रोजेक्टर के स्थानांतरण के निर्णय को निरस्त कर उसकी स्थापना यथाशीघ्र सुनिश्चित करायें।