मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने अपनी सेवानिवृत्ति से ठीक पहले उम्मीद जताई कि जल्द ही प्रायोजित खबरों को संगीन अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि पैसे लेकर खबरें दिखाने और छापने पर अंकुश लगाना कुरैशी का अधूरा सपना है। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि करीब दो दशक से अटका पड़ा चुनाव सुधार प्रस्ताव बहुत जल्द हकीकत में तब्दील होगा। उन्होंने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए अलग व्यवस्था का समर्थन भी किया।
कुरैशी के मुताबिक प्रायोजित खबरें स्वतंत्र और साफ-सुथरे चुनाव के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। ऐसी खबरों को रोकने के लिए कुछ शुरुआती कदम उठाए जा चुके हैं। हमने अपनी सिफारिशों में इसे संज्ञेय अपराधों में शामिल करने की सिफारिश कर दी है। उम्मीद है कि जब चुनाव सुधार प्रस्ताव लागू होगा, तो प्रायोजित खबरों पर अंकुश उनमें सबसे अहम होगा। कुरैशी ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए कोलेजियम के गठन को लेकर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए अलग से विश्वसनीय व्यवस्था होनी चाहिए। सबसे वरिष्ठ आयुक्त को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया जाना चाहिए। उन्होंने आदर्श आचार संहिता को संवैधानिक दर्जा देने पर एतराज जताते हुए कहा कि इसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ के अच्छे नतीजे नहीं मिलेंगे। कुरैशी ने कहा कि हमने देर ही से सही, लेकिन चुनावों में पूंजी के इस्तेमाल के खिलाफ अभियान शुरू किया और इसका खासा असर भी नजर आया।
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