फर्रुखाबाद: कई सालो से नगर की राजनीति में कमल का फूल नहीं खिला है| भाजपाई होने का दम भरने वाले कई चेहरे अलग अलग चुनावों में अलग अलग दस्तक देते रहे| कुछ चोरी छिपे तो कुछ खुलेआम| सेनापत के आस पास की राजनीति पर शक के बादल भाजपा की जड़ो में मट्ठा डालते रहे| मगर इस बार भाजपा के सेनापत से बाहर निकलने की गुंजाइश देख नए पुराने लगभग सभी भाजपाई माला पारिया के गले में जीत की माला डाल टाउन हाल की तामीर पर भगवा ध्वज फहराने का जोश लिए दिखे| मौका था नगरपालिका चुनाव में अध्यक्ष पद की भाजपा प्रत्याशी माला पारिया के केंद्रीय चुनाव कार्यालय का उदघाटन का| मुद्दा भ्रष्टाचार होगा और नारे फिर पुराने गढ़े जायेंगे| अलबत्ता पिछली हार की टीस का एहसास ब्राह्मणों को कराने की कोशिश तो होगी तो ही कहीं न कहीं हिन्दुओ को एकजुट होने का सन्देश भी होगा| प्रत्याशी नया है तो क्या हुआ आखिर चुनाव भाजपा का जो है| संघ और भाजपा की सहयोगी इकाई इस काम को अंजाम देंगी, भीड़ में मौजूदगी का एहसास चुनाव को रणनीति से लड़ने का सन्देश दे गया|
प्रत्याशी माला पारिया के साथ अरुण प्रकाश तिवारी, मिथलेश अग्रवाल, सत्यपाल सिंह, मेजर सुनील दत्त द्विवेदी, भास्कर दत्त द्विवेदी, भूदेव सिंह राजपूत, बार एशोसियेशन के अध्यक्ष विश्राम सिंह यादव और भाजपा के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील शाक्य मंचासीन हुए तो सामने बुजुर्ग और युवाओ की लम्बी भीड़ में सेनापत के नोर्थ पोल प्रांशु दत्त द्विवेदी प्रबल पाठक, अतुल दीक्षित सहित युवाओ को समझाते, संजय गर्ग चुनाव जिताने की गणित में चिंतन मग्न दिखे| मीरा कटियार सहित भाजपा महिला मोर्चा की चित्रा अग्निहोत्री अपनी टीम के साथ पहुची|
वैसे तो भाजपा में बहुत बुजुर्ग थे मगर सीट महिला आरक्षित होने के नाते उदघाटन के फीता काटने का मौका मिथलेश अग्रवाल को मिला| अलबत्ता नारियल सुशील शाक्य, मेजर सुनील दत्त द्विवेदी और विश्राम सिंह यादव ने भी फोड़ा| अब नारियल एक था या एक से अधिक ये भीड़ में समझ में नहीं आया| नगर के हर वार्ड और कोने से आये चेहरे दिखाई पड़े| भीखमपुरा का जत्था आया तो फतेहगढ़ से वकीलों की टोली भी निकली| बजरिया से चहरे चमके तो खतराना कैसे पीछे रहता| अब नाम तो लिखना इतना सम्भव नहीं अलबत्ता खबर का बाकी मजा तस्वीरो से लीजिये|