नारी निकेतनों व बाल संरक्षण ग्रहों के नाम पर अनैतिक देह व्यापार के अड्डों के संचालन की जैसी घिनौनी घटना की सूचना कोई नयी नहीं है। नयी बात यह भी नहीं है कि आज तक इस प्रकार की घटनाओं में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों और नेताओं के इसमें आर्थिक-शारीरिक रूप से लिप्त होने की खबरे भी आती रही हैं। इसी कड़ी में पुलिस कर्मियों द्वारा एसे ही एक शेल्टर होम में विदेशियों के सामने नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार करने व उनकी ब्लू फिल्म बनाने का मामला फिर प्रकाश में आया है, इस बार भी पुलिस व प्रशासन का रवैया वही अनिक्षापूर्ण व घिसा पिटा है। परंतु जरा सोचिये कि यदि उन मासूम लड़कियों में से कोई इन पुलिस अधिकारियों की बेटी होती तो भी क्या जांच का रवैया और तेवर यही होता।
शारीरिक प्रताडऩा व यौन शोषण का अड्डा बने ‘अपना घर’ पर लगे आरोपों की तह में जाने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी आज रोहतक जाकर स्थानीय लोगों के अलावा जिला प्रशासन और पुलिस से भी बातचीत करेगी। आयोग की सदस्य शमिना शफीक का कहना है कि शनिवार को पैनल लोगों से मिलेगा और जिला प्रशासन और पुलिस से रिपोर्ट मांगेगा।
दूसरी ओर, संस्था की संचालक जसवंती ने यह कह कर नेताओं और आला अधिकारियों को परेशानी में डाला दिया है कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान वह कई बड़े नामों का खुलासा करेगी। जसवंती का दावा है कि ये सभी नेता और अफसर ‘अपना घर’ में अक्सर आते थे। वहीं, पुलिस ने शुक्रवार को ही ‘अपना घर’ को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एमएस मान के निर्देश पर सील कर दिया है। इससे पहले हिसार से रोहतक पहुंचे एडीजीपी मान ने आईजी आफिस में अपना घर मामले की जांच से जुड़े रोहतक पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने साफ कहा कि नवगठित विशेष दल हर रिकॉर्ड का अपने ढंग से जांच करेगा। इसलिए अपना घर को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया हैं।
हरियाणा के रोहतक स्थित शेल्टर होम ‘अपना घर’ में रहने वाली लड़कियों ने बेहद सनसनीखेज खुलासा किया है। लड़कियों ने आरोप लगाया है कि यहां विदेशी लोग आते थे और उनकी न्यूड वीडियो बनाते थे। इतना ही नहीं इसके अलावा जो आरोप लगे हैं और भी संगीन हैं। लड़कियों ने आरोप लगाया है कि इस काली कारतूत की जानकारी न सिर्फ पुलिस को थी बल्कि पुलिसवाले खुद लड़कियों के साथ बलात्कार करते थे। फिलहाल इस थर्रा के रख देने वाली वारदात की जांच के लिये एक टीम गठित की गई है और उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिये गये हैं। हालांकि रोहतक के डीएसपी का कहना है कि इस मामले में आगे कार्रवाई करने से पहले पक्के सबूत की जरूरत होगी। इस पूरे मामले का भंडाफोड़ 9 मई को हुआ था। इसी दिन इस शेल्टर होम की 3 लड़कियां यहां से भागकर दिल्ली में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के सामने पहुंचीं। और उसके बाद आयोग ने छापामार कर यहां से 90 लड़कियों को मुक्त कराया था और शारीरिक शोषण जैसे घिनौने अपराध का खुलासा हुआ था। जिन लड़कियों को मुक्त कराया गया उनमें अधिकतर की उम्र 10 से 15 साल थी।
लड़कियों ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग और जांच टीम को बताया कि मुंबई और दिल्ली से आने वाले विदेशी उन्हें अच्छा खाना और कपड़े का लालच देकर उनकी नंगी वीडियो बनाते थे। लड़कियों ने बताया कि शेल्टर होम की संचालिका जसवंती के दामाद जय भगवान लड़कियों को विदेशियों के आने से पहले सूचित करता था। विदेशी मेहमानों की यहां खूब आवभगत होती थी। जांच टीम का कहना है कि ये खुलासे बेहद चौंकाने वाले हैं। जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश किए जाने के बाद ही पूरे मामले से पर्दा हटाया जा सकेगा। यदि मामले की जांच हरियाणा से बाहर की किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाती तो पीडितों को न्याय मिलने की ज्यादा गुंजाइश है।
भारत विकास संघ नामक एक एनजीओ द्वारा संचालित ‘अपना घर’ में यौन शोषण की खबरें सामने आने के बाद पूरे सूबे में हड़कंप मचा हुआ है। आरोप है कि यहां रहने वाली लड़कियों को चंडीगढ़ में आला अधिकारियों के यहां होने वाली आलीशान बर्थडे पार्टियों में ले जाया जाता रहा है। लड़कियों का कहना है कि संरक्षण गृह के दौरे पर आने वाले अधिकारियों के सामने वो अपना दुखड़ा रोती थीं लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। आरोप यह भी है कि पुलिसकर्मी भी इन लड़कियों के साथ बलात्कार करते थे और मना करने पर उन्हें नंगा कर पीटते थे।
ऐसी ही एक पीड़ित लड़की को पश्चिम बंगाल से लेने उसके मां-बाप पहुंचे। पांच साल पहले ये लड़की घर से भागकर दिल्ली आ गई। उस वक्त महज 15 साल की थी। गुड़गांव के एक घर में घरेलू नौकरानी का काम किया। लेकिन वहां इस लड़की के साथ गैंगरेप किया गया। इसके बाद
केस की अगली सुनवाई 15 को
9 मई को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने केंद्र व राज्य सरकार की आर्थिक सहायता से चलने वाली ‘अपना घर’ संस्था पर छापा मारा था। छापे के दौरान लड़कियों व महिलाओं ने संस्था की संचालिका जसवंती व अन्य पर यौन शोषण, शारीरिक शोषण, मारपीट व बच्चों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जसवंती, उसके दामाद जयभगवान, बेटी सिम्मी, ममेरे भाई सतीश, ममेरी बहन शीला, भाई जसवंत व काउंसलर वीना को केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। इस समय सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में है। केस की अगली सुनवाई 15 जून को होगी।