फर्रुखाबाद: कांग्रेस उम्मीदवार सबिया सुल्ताना ने गुरुवार को अपना नामांकन वापस ले लिया। बाद में उनहोंने सपा समर्थित प्रत्याशी सबिहा सुल्ताना के पति अहमद अंसारी से उनकी मुलाकात हुई व उन्होंने सबिहा को समर्थन की घोषणा भी कर दी। परचा वापस लेने के पीछे बाबर ने मंत्री के पूर्व A.P.S. प्रत्युष शुक्ल द्वारा JNI पर लिखे एक कमेंट को मुद्दा बनाया है। जिसमे कहा गया है कि कांग्रेस को उम्मीदवार ढूंढें नहीं मिला।
“कहते हैं कि तारीख हमेशा अपने को दोहराती है”, गालिब का यह मिसरा गुरुवार को कांग्रेस के लिये चरितार्थ हो गया। विगत चुनाव की ही तरह इस बार भी कांग्रेस प्रत्याशी नामांकन के बाद बैठ गया। नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष पद के लिये टिकट आबंटन को लेकर जिलाध्यक्ष व नगर अध्यक्ष के बीच वाकयुद्ध पहले ही चल रहा था। जैसे तैसे नामांकन के अंतिम दिन प्रत्याशी का नामांकन कराया गया। नामांकन के बाद से ही पार्टी के अंदर की कलह सामने आने लगी। प्रत्याशी सबिहा सुल्ताना के पति बाबर खां ने बताया कि उन्होंने पार्टी के नगर अध्यक्ष पुन्नी शुक्ला से चुनाव प्रचार में निकलने को कहा तो उन्होंने साफ इनकार करते हुए कह दिया कि तुम्हें तो जिलाध्यक्ष ने टिकट दिया है, वही चुनाव लड़ायेंगे। गुरुवार को पत्नी का नामांकन वापस कराने के बाद बाबर खां ने मीडिया से वार्ता के दौरान जेएनआई न्यूज पोर्टल पर कांग्रेस प्रत्याशी के विषय में छपी खबर पर प्रत्यूश शुक्ला द्वारा दिये गये एक कमेंट पर गहरी नाराजगी जतायी। कमेंट में कहा गया था कि …………….
“ बहुत अच्छे, बहुत ही अच्छे, जिस कांग्रेस की टिकट से पंडित मुरारी लाल तिवारी, सत्यमोहन पांडेय, डा० भानु दत्त शर्मा जैसे लोग चुनाव नगर पालिका का लड़ा करते थे, आज उसी कांग्रेस के नेताओं को एक प्रत्याशी भी आयात करना पड़ा। अगर आयात किया है तो एसा प्रत्याशी आयात करते जो कम से कम हर बूथ पर बस्ता लगवा लेता और कम से कम 5 वोट तो हर बूथ पर ले ही लेता।”
बाबर खां ने बताया कि उन्होंने प्रत्यूश शुक्ला के इस पब्लिक कमेंट के विषय में व नगर अध्यक्ष के बारे में कांग्रेस जिलाध्यक्ष से लिखित रूप से शिकायत की व सलमान खुर्शीद एवं लुइस खुर्शीद से भी वार्ता करने का प्रयास किया, परंतु उन्होंने फोन नहीं उठाया। मजे की बात है कि बाबर खां स्थानीय स्तर पर सांसद के प्रतिनिधि भी हैं। बाबर खां ने कहा कि जब किसी ने कोई कार्रवाई करना तो दूर उनकी बात तक सुनना गवारा नहीं किया तो उन्होंने आज अपनी पत्नी का नांकांन वापस ले लिया। कांग्रेस छोड़ने के विषय में उनहोंने कहा कि अब निर्णय कांग्रेस को करना है।
जिलाध्यक्ष आफताब हुसैन ने बताया कि उनको कांगेस प्रत्याशी के नामांकन वापसी की उनको जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि बाबर खां से उनको जो शिकायतें मिलीं थीं वह सलमान खुर्शीद व लुइस खुर्शीद को अग्रसारित कर दी गयी थीं। उन्होंने बताया कि शिकायतों पर किसी कार्रवाई की उनको जानकारी नहीं है।
प्रेस कांफ्रेंस के बाद सपा समर्थित प्रत्याशी सलमा अंसारी के पति अहमद अंसारी ने उनसे मुलाकात की। बाद में श्री अंसी बाबर खां को अपने कार्यालय भी लेकर गये। इस अवसर उन्होंने अब सलमा को अपने समर्थन की घोषणा भी कर दी।
विदित है कि जेएनआई ने विगत 31 मई को “आखिर कांग्रेस को पालिका चुनाव में क्यों तलाश है एक पठान की“ शीर्षक से एक समाचार प्रकाशित किया था। इसमें कांग्रेसे के अंदर के वैचारिक अंतर्द्वंद को उजागर किया गया था। बाद में कांग्रेस ने जेएनआई की खबर पर लगभग मोहर लगाते हुए बाबर खां की पत्नी सबिहा सुल्ताना को टिकट दे दी थी। परंतु जेएनआई के समाचार प्रकाशन के बाद से ही कांग्रेस प्रत्याशी भावनात्मक दबाव में चल रहे थे। ऊपर से कांग्रेस के अंदर चल रही अंदरूनी उठापटक के चलते आखिर बाबर खां ने अपनी पत्नी का नामांकन वापस ले ही लिया।