सपा की बाजार बंदी में नहीं दिखा वह ‘बंद तुम्हारी-खुली हमारी’ वाला जोश

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सड़कों पर साफ दिखी सपा की गुटबाजी

फर्रुखाबाद: व्यापार मंडलों में भागीदारी की कमी के चलते यूं तो समाजवादी पार्टी वैसे तो बाजार बंदी जैसे आंदोलन कम ही करती है। परंतु फिर भी लोगों को सपा की पुरानी बाजार बंदियों का इतिहास अभी याद है कि, सपाइयों के जत्थे के जत्थे जब ‘बंद तुम्हारी-खुली हमारी’ के नारों के साथ बाजार में कूदते थे तो, क्या मंज़र होता था। परंतु इस बार पूर्ण बहुमत की सरकार सत्ता में होने के बावजूद पुराना सा नजारा नजर नहीं आया। अलग अलग जुलूस निकालने के कारण पार्टी के अंदर की गुटबाजी भी साफ नजर आयी। उर्मिला राजपूत के नेतृत्व मे सपाइयों ने प्रात: लगभग 10 बजे मुख्य बाजार में जुलूस निकाल कर दुकाने बंद करायीं। हालांकि सुबह का समय होने व बंदी की पूर्व घोषणा होने के कारण अधिकांश दुकानें खुलीं ही नहीं थीं। सपाइयों ने मुख्य बाजार में केंद्र सरकार का पुतला भी फूंका।

केंद्र सरकार की नीतियों के कारण बढ़ती मंहगाई के विरोध में गुरुवार को विपक्षी पार्टियों की ओर से आयोजित बाजार बंदी में प्रदेश में सत्तारुढ पार्टी सपा ने बढ़ चढ कर भाग लिया। सबसे पहले पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत के नेतृत्व में सपाइयों ने जुलूस निकालकर बाजार बंदी करायी व दूसरे चरण में सपा जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह राठौर ने अपने समर्थकों ने जुलूस निकाला। बाजार बंदी को लेकर शुरू से ही पार्टी के भीतर की गुटबाजी की नजर आ रही थी। एक तरफ जहां जिलाध्यक्ष राजकुमार राठौर पार्टी कार्यालय पर बैठकें करते रहे वहीं उर्मिला राजपूत के घर पर अलग रणनीति बनती रही।