निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी, आचार संहिता लागू

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उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की अधिसूचना राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल द्वारा जारी दी गई है। चुनाव चार चरणों में 24, 27 जून, एक और चार जुलाई को होंगे। मतगणना सात जुलाई को होगी। कन्नौज लोकसभा और मांट विधानसभा चुनाव के मददेनजर संबंधित जिलों में निकाय चुनाव प्रक्रिया स्थगित रहेगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल का कहना है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष व पारदर्शी निकाय चुनाव कराने के लिए नियमानुसार आदर्श आचार संहिता को लागू किया जाएगा।
पहले चरण का मतदान 24 जून को प्रदेश के 18 जिलों में होगा। दूसरे चरण का मतदान 17 जिलों में 27 जून को होंगे। तीसरे चरण का मतदान 20 जिलों में एक जुलाई को तथा चौथे चरण का मतदान 17 जिलों में चार जुलाई को होगा।

श्री अग्रवाल ने बताया कि कन्नौज संसदीय क्षेत्र का उपचुनाव 24 जून को होगा और उसमें रमाबाईनगर तथा औरैया जिलों के कुछ हिस्से भी आते हैं। लिहाजा, इन जिलों में स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना बाद अग्रवाल ने बताया कि कन्नौज संसदीय क्षेत्र का उपचुनाव 24 जून को होगा और उसमें रमाबाईनगर तथा औरैया जिलों के कुछ हिस्से भी आते हैं। लिहाजा, इन जिलों में स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना बाद में जारी होगी।
उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड के झांसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर और महोबा तथा नक्सल प्रभावित जिलों सोनभद्र, मिर्जापुर एवं चंदौली में मतदान सुबह साढ़े छह बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक होगा, जबकि अन्य स्थानों पर सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक वोट डाले जाएंगे। अग्रवाल ने बताया कि इन चुनावों में तीन करोड़ दो लाख 47 हजार 225 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
गौरतलब है कि स्थानीय निकायों के चुनाव गत वर्ष नवंबर में ही होने थे, लेकिन पार्टियों के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने को लेकर उठे विवाद के अदालत में चले जाने से विलंब हुआ। अग्रवाल ने बताया कि आज जारी अधिसूचना के तहत प्रदेश के 13 नगर निगमों, 189 नगर पालिका परिषदों तथा 404 नगर पंचायतों के चुनावों के लिए सम्भवत: पहली बार आचार संहिता बनाई गई है, जिसमें चीजों को यथासम्भव नियंत्रित करने की कोशिश की गई है।
उन्होंने बताया कि प्रत्याशियों के लिए व्यय सीमा के सख्ती से पालन के लिए हर जिले में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा एक वरिष्ठ कोषागार अधिकारी की सदस्यता वाली समिति बनाई जाएगी जो चुनाव खर्च की समीक्षा करेगी। जरूरत पड़ने पर वह इसके लिए किसी चाटर्ड अकाउंटेंट की मदद भी ले सकेंगे। निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि त्रिस्तरीय निकाय चुनावों में इस्तेमाल होने वाली प्रचार सामग्री की पूरी जांच की जाएगी। इसके लिए पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में एक समिति गठित होगी जो प्रचार सामग्री की जांच करेगी, ताकि तनाव पैदा करने वाली कोई सामग्री वितरित नहीं होने पाए।
उन्होंने बताया कि मतदान से 24 घंटे पहले संबंधित निकाय क्षेत्र से इतर रहने वाले लोगों को वह इलाका छोड़कर जाने को कहा जाएगा, ताकि गड़बड़ी पैदा करने वाले तत्वों की घुसपैठ पर अंकुश लगाया जा सके। अग्रवाल ने बताया कि स्थानीय निकाय चुनाव में सुरक्षा के लिए केंद्रीय बल नहीं मांगा गया है और यह जिम्मेदारी राज्य पुलिस के कंधों पर होगी।
उन्होंने एक सवाल पर कहा कि संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान की जा रही है और मतदाता सूची को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। अग्रवाल ने बताया कि लोगों में मतदान के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए आयोग एक विशेष अभियान चलाएगा। निकाय चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, मतदाताओं, शासकीय व अ‌र्द्धशासकीय विभागों व निर्वाचन प्रक्रिया से संबद्ध अधिकारियों व कर्मचारियों पर इस बार भी उसी तरह की आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी जैसी पूर्व के निकाय चुनाव में लागू रहती थी। वैसे तो चुनाव के दौरान निर्वाचन से जुड़े अफसरों-कर्मचारियों के स्थानांतरण, नियुक्ति, प्रोन्नति पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा लेकिन अपरिहार्य परिस्थिति में आयोग की अनुमति लेकर उक्त को किया जा सकेगा। आयुक्त ने बताया कि आचार संहिता का आदेश, निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने की तिथि से चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने तक प्रभावी रहेगी। विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सूबे के निकाय चुनाव की प्रक्रिया 15 जुलाई से पहले पूरी होनी है।