बेरोजगारी भत्ते के फार्मों की कालाबाजारी फिर शुरू, लेखपालों की भी पौ-बारह

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फर्रुखाबाद: एक हजार रुपये प्रतिमाह का बेरोजगारी भत्ता लेना इस बार आसान नहीं है। आवेदन की औपचारिकताएं देखकर भत्ते के लिए आवेदन करने वाले बेरोजगारों के अभी से पसीने छूटने लगे हैं। ऑन लाइन मिलने वाले चार पेज के आवेदन में 30 से 40 साल की उम्र के 15 मार्च तक पंजीकृत बेरोजगार को आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाता वेरीफिकेशन पत्र, पंजीयन रसीद व दस रुपये का शपथ पत्र लगाकर सेवायोजन कार्यालय में जमा करना है। इन प्रमाणपत्रों को बनवाने में जाहिर है कि लेखपालों की भी पौबारह होनी है।  औपचारिकताओं के चलते बेरोजगारों को भत्ता देने की सरकार की घोषणा के बाद सेवायोजन कार्यालय में अब तक एक भी आवेदन जमा नहीं हो सका है।

बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए पंजीकृत बेरोजगारों ने ऑन लाइन आवेदन फार्म भरने शुरू कर दिए हैं, लेकिन आवेदन प्रक्रिया इतनी दुरूह है कि बेरोजगारों को आवेदन करना टेढ़ी खीर हो रहा है। फोटो स्टेट दुकानों पर ऑन लाइन बेरोजगारी भत्ता आवेदन फार्म 20 से लेकर 40 रुपये में बिक रहे हैं। चार पेज के आवेदन फार्म में आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाते के वेरीफिकेशन का प्रारूप भी संलग्न है। आवेदन के प्रारूप पर आय व निवास प्रमाण पत्र तहसील से बनने में समय तो लगेगा ही, बेरोजगार को भागदौड़ भी खूब करनी पड़ेगी। कचहरी से शपथ पत्र बनवाना और बैंक से खाते का वेरीफिकेशन कराने में अभ्यर्थियों के अभी से पसीने छूटने लगे हैं। इतने पर भी बेरोजगारी भत्ता मिल ही जाएगा, यह तय नहीं है। यदि सेवायोजन कार्यालय ने भत्ते के दायरे में आने वाले बेरोजगार को काम के लिए बुला लिया तो उसे काम भी करना पड़ेगा। यदि बेरोजगार काम के लिए उपस्थित नहीं हुआ तो उसका भत्ता बंद किया जा सकता है। जिला सेवायोजन अधिकारी एमके पांडेय का कहना है कि आवेदन की प्रारम्भिक कठिनाई के चलते अभी आवेदन नहीं जमा नहीं हुए। शासन की तरफ से कार्यालय से फार्म उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था नहीं है। यह फार्म विभाग की वेबसाइट  http://updte.org/pics/Application-Form.pdf पर उपलब्ध है। कोई भी व्यक्ति यहां से डाउनलोड कर फार्म जमा कर सकता है। उन्होंने बताया कि फार्म जमा कर सकता है। उन्होंने बताया कि फार्म जमा करने की कोई अंतिम तिथि नहीं है। जैसे फार्म जमा होते जायेगे, आवेदन पत्रों की प्रासेसिंग की जाती रहेगी। यह एक निरंतर प्रक्रिया है। इस लिये इसमें किसी आपा धापी या जल्दीबाजी की कोई जरूरत नहीं है।