नये कोतवाल का पुराना इतिहास बिखरा है कंपिल की कटरी से कायमगंज तक

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फर्रुखाबाद: कायमगंज के नये कोतवाल विजय सिंह यादव के आगमन के साथ ही क्षेत्र में बढी हत्या व लूट की वारदातों को महज इत्तिफाक भी कहा जा सकता है। परंतु यदि श्री यादव की नयी तैनाती और उनके अलीगंज-कंपिल से लेकर कायमगंज तक फैले पूर्व इतिहास को जोड़कर देखें तो इस पर सहज विश्वास करना मुश्किल हो जाता है। मजे की बात है कि जब आम आदमी तक को इस पूरे परिप्रेक्ष्य की जानकारी है तो यह मानना जरा मुश्किल है कि पोस्टिंग करते समय कप्तान साहब को इसकी जानकारी नही थी। परंतु यदि एसा है, तो यह और भी चौंकाने वाली बात है।

नये कोतवाल विजय सिंह यादव जनपद में परिचय के मोहताज नहीं हैं। यह वही विजय सिंह यादव हैं जिनके कंपिल थानाध्यक्ष रहते आज से दस वर्ष पूर्व डकैत कलुआ यादव ने कटरी क्षेत्र में एक दरोगा सहित चार पुलिस कर्मियों को बड़ी बेदर्दी से मौत के घाट उतार दिया था। इससे पूर्व श्री यादव इसी कोतवाली कायमगंज में एसएसआई के पद पर भी तैनात रह चुके हैं। कोतवाली कायमगंज में हाल ही में तैनात इंसपेक्टर विजय सिंह यादव की क्षेत्र से पुरानी पहचान है। वह इससे पूर्व पड़ोस के थाना अलींगंज व कंपिल के अतिरिक्त कायमगंज में भी तैनात रहे हैं।

हाल ही में सपा सरकार के प्रदेश में सत्तारूढ होने व यहां कायमगंज से सपा विधायक की जीत के बाद बदले राजनैतिक माहौल के बाद इंसपेक्टर विजय सिंह यादव की तैनाती को स्वभाविक मान लेने में कोई आपत्ति भी नहीं है। परंतु क्षेत्र के अपराधियों ने उनका जिस गर्मजोशी के साथा हत्या व लूट की घटनाओं से स्वागत किया है वह काफी चिंता जनक है। वैसे तो सपा सरकार आने के बाद जनपद ही क्या प्रदेश भर में क्राइम ग्राफ ने जिस प्रकार की अंगड़ाई ली है वह सभी के सामने है। परंतु जनपद में एक युवा व डायरेक्ट आईपीएस अधिकारी नीलाब्जा चौधरी को एसपी का चार्ज मिलने के बाद इससे बेहतर व्यवस्था की उम्मीद आम आदमी को अवश्य थी। श्री चौधरी ने जिस प्रकार पूरा समय लेकर थानों में तैनाती में फेरबदल किया था उससे भी लोगों को उम्मीदें थी। परंतु कायमगंज कोतवाली में विगत तीन चार दिनों में जो कुछ हुआ है उसने व्यवस्था पर प्रश्न चिंन्ह ही लगा दिये हैं।