केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने मीडिया खासकर इलेक्ट्रानिक समाचार चैनलों पर अंकुश के प्रस्ताव का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि प्रेस की आजादी पर रोक लगाना देश हित में नहीं है।
खुर्शीद ने प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश मारकण्डेय काटजू के इलेक्ट्रानिक समाचार चैनलों को काउंसिल के दायरे में लाने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि किसी बाहरी अंकुश के बजाय मीडिया को खुद अपने ऊपर अंकुश लगाना चाहिए। उन्होंने संसद में लंबित विधेयकों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के दौरान लोकपाल विधेयक सहित आठ विधेयक पारित कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे को इस विधेयक का समर्थन करना चाहिए क्योंकि उन्हीं की पहल पर सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून बनाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार प्रयास करेगी कि यह विधेयक राज्यसभा से आम सहमति से पारित हो। श्री खुर्शीद ने कहा कि विदेश में जमा कालाधन मसले पर नजर रखने के लिए केन्द्र सरकार ने पहले ही एक अलग विभाग स्थापित कर रखा है और इस मुद्दे पर बाबा रामदेव के अनशन पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है।
उन्होंने कहा कि संसद में पारित होने वाले विधेयकों में एक विधेयक भारतीय दण्ड संहिता में संशोधन का भी है जिसमें महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ स त सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून बनाने स बंधी विधेयक भी इनमें शामिल है। उन्होंने कहा कि ‘इण्टरनेशनल आर्बीट्रेशन’ देश के लिए बड़ी समस्या है। इसकी वजह से विदेशी पूंजी निवेश की समस्या सामने आयी है।
टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले के बारे में उनका कहना था कि इस मसले पर अब विधिक राय मांगी गयी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 के सभी संचार क पनियों के लाइसेंस रद्द किये जाने से बड़ी सं या में नौजवान बेरोजगार हो गये हैं।