यूपी सरकार ने पदोन्नतियों में आरक्षण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर विभागों द्वारा अपनी ओर से किसी भी पदोन्नति या पदावनति पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने कहा है कि पदोन्नतियों में आरक्षण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कार्मिक विभाग आदेश जारी करेगा।
शनिवार को राज्य सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के सभी बिन्दुओं का कार्मिक विभाग परीक्षण कर रहा है। इसके बाद कर्मिक विभाग सभी विभागों को अलग-अलग दिशा निर्देश देगा। उधर, कर्मचारी व अधिकारी संगठनों ने सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नतियों में आरक्षण तथा परिणामी वरिष्ठता को खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर राज्य सरकार से सभी राजकीय विभागों तथा सार्वजनिक निगमों में तत्काल पदोन्नतियां शुरू करने की मांग की है। सर्वजन हिताय संरक्षण समिति उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि सरकार को फैसले पर तत्काल अमल शुरू कर देना चाहिए।
गौरतलब है कि यूपी की पूर्ववर्ती मायावती सरकार ने 14 सितंबर 2007 से पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था लागू की थी, जिसे 15 जून 1995 से प्रभावी बनाया गया था। मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पहुंचने पर अदालत ने पिछले साल चार जनवरी को पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को अनुचित ठहराया था। राज्य सरकार ने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
यह फैसला शुक्रवार को आया है। दुबे ने कहा कि अदालत के इस फैसले से प्रदेश की सरकारी सेवाओं में वरिष्ठता तथा श्रेष्ठता का सम्मान पुनस्र्थापित होगा। साथ ही इससे प्रदेश के विकास का रास्ता भी साफ होगा। यह निर्णय किसी की जीत या हार नहीं बल्कि सभी कर्मचारियों के साथ न्याय है।