यह दास्तान उस अरबपति की है जो पिता की मौत के बाद एक अनाथालय में पला उसकी माँ के पास उसकी परवरिश के लिए भी पैसे नहीं थे।
बड़े होने के बाद वह रंग बनाने वाले एक कारखाने में एप्रेंटिस हो गया बाद में उसने वह काम छोड़ दिया और 1961 में इटली के अगोर्दो प्रांत में चला गया जहां उसने चश्मों के पार्ट बनाना शुरु कर किया। सन 1967 में उसने लक्जोटिका ब्रांड से चश्मों का फ्रेम बनाना शुरु किया। इस धंधे में उसे काफी लाभ हुआ।
आज लियोनार्दों देल वेचियो इटला का दूसरा सबसे अमीर व्यक्ति है फोर्ब्स पत्रिका के मुताबिक उसके पास 11 अरब डॉलर की संपत्ति है उसके पॉपुलर ब्रांड है सनग्लास हट, लेंस क्राफ्टर्स, रे बैन ओकले वगैरह।
वेचियो ने 1971 में अपना व्यक्तिगत काम शुरु किया था। 1974 में उसेक पास इतने पैसे आ गए थे कि उसने स्कारोन नाम की कंपनी खरीद ली। 1981 में उसने जर्मनी में अपना कारखाना लगाया और फिर 1988 में जाने माने फैशन डिजायनर अरमानी के साथ करार कर लिया। उसके बाद से उन्होंने अकूत दौलत हासिल की।