लखनऊ। पिछली माया सरकार के दौरान लोकायुक्त की जांच में पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री अवधपाल सिंह यादव दोषी पाए गए थी उस वक्त उन्होंने मंत्री के खिलाफ कार्यवाही के लिए सीएम को पत्र भी लिखा था, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इसी मामले को लेकर लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने पूर्व मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये मुख्यमंत्री कार्यालय को रिमाइडंर भेजा है।
लोकायुक्त न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) एन के मेहरोत्रा ने रिमाइंडर भेजकर यादव के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है। ज्ञात हो कि लोकायुक्त को हुई शिकायत में उन पर सरकारी जमीन पर कब्जे और भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे। आरोपों की लम्बी जांच के बाद आरोप सही पाए गए और उन्होंने मायावती को कार्यवाही के लिए सिफारिश कर दी।
लोकायुक्त की सिफारिश पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गत 17 अगस्त को उनसे इस्तीफा ले लिया लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अवधपाल यादव और उनके बेटे तथा अन्य रिश्तेदारों पर पूर्व में आपराधिक मामले दर्ज किये गये थे। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में एटा जिले के अलीगंज क्षेत्र में उनके रिश्तेदारों द्वारा दंगा करने का भी आरोप लगा था।
बाद में उन्हें बहुजन समाज पार्टी से निलम्बित कर दिया गया था। यादव ने लोकायुक्त की रिपोर्ट के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में याचिका दायर कर रखी है। लोकायुक्त कार्यालय के अनुसार मुख्यमंत्री को भेजे रिमाइंडर में यादव के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की संस्तुति की गयी है।
इस बीच लोकायुक्त कार्यालय लखनऊ के गोमतीनगर इलाके के एक नये भवन में आज चला गया है। लोकायुक्त ने तो मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्यवाही की संस्तुति कर दी लेकिन सपा सरकार फिलहाल जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाह रही है। सूत्रों की माने तो अवधपाल ने सपा सरकार में घुसपैठ शुरू कर दी है जिसके बलबूते वह खुद पर होने वाली कार्यवाही से बच सकते हैं यदि यादव अपने मकसद में कामयाब हो गए तो उनके खिलाफ लोकायुक्त द्वारा भेजा गया पत्र ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाएगा।