नया फतवा, ब्यूटी पार्लर न जाएं महिलाएं

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गैर मुस्लिम युवती से प्रेम करने के खिलाफ फतवा, फिर शराब के नशे में तलाक को जायज करार देने के बाद दारुल उलूम देवबंद ने ब्यूटी पार्लर के खिलाफ फतवा जारी किया है। मुफ्तियों का कहना है कि इस्लाम में संजन संवरने की इजाजत नहीं है। उधऱ, फतेहपुरी मसजिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम ने इस फतवे को जायज ठहराया है। दीनी तालीम के इस विश्वविख्यात मरकज के फतवा विभाग दारुल इफ्ता ने मुस्लिम महिलाओं के ब्यूटी पार्लर चलाने को शरई तौर पर नाजायज करार दिया है। मुफ्तियों का कहना है कि ब्यूटी पार्लर में सजने संवरने के जो काम किए जाते है, शरियत में उनकी इजाजत नहीं है।

दारुल उलूम के फतवा विभाग की वेबसाइट पर आन लाइन एक सवाल किया गया था कि क्या मुस्लिम महिलाओं का ब्यूटी पार्लर चलाना जायज है? इस पर हलाल-हराम श्रेणी के कॉलम में चौथे नंबर पर ( फतवा संख्या 37,614) में जवाब दिया गया। फतवे में मुफ्तियों ने कहा कि ब्यूटी पार्लर में किए जाने वाले सजने संवरने के कार्य शरई तौर पर जायज नहीं होते हैं। इसलिए गैर शरई काम करना या इसमें संरक्षक के तौर पर शामिल होना जायज नहीं है। आखिरी लाइन में साफ ही कह दिया गया है कि मुस्लिम महिलाओं का ब्यूटी पार्लर चलाना जायज नहीं है।

गौरतलब है कि दारुल उलूम ने हाल ही में लव मैरिज और शराब के नशे में तलाक हो जाने के संबंध में पूछे गए सवालों पर भी फतवे जारी किए। जिन पर दीनी मामलों के जानकारों के बीच बहस छिड़ी हुई है। इसके बाद ब्यूटी पार्लर पर दिया गया यह फतवा इस लिहाज से भी अहम हो जाता है क्योंकि मुस्लिम महिलाएं बड़ी संख्या में ना केवल ब्यूटी पार्लर चला रही हैं, बल्कि रूप की दुनिया में नाम भी कमा रही हैं।

उधऱ, फतेहपुरी मसजिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम का कहना है कि कुरान में इशराफ (फालतू पैसे का खर्च) हराम है। इस्लाम में पर्दा प्रथा है। चेहरे की नुमाइश की इजाजत नहीं दी गई है। गैरमर्द के सामने जाने की भी मनाही है। ब्यूटी पार्लर में जाकर नुुमाइश करने की प्रथा आम हो गई है। इसे इस्लाम बर्दाश्त नहीं करता है। इसके कारण लोगों में नैतिकता का पतन हो रहा है। किसी तरह की बीमारी हो जाती है तो चेहरे को ठीक कराने के लिए ब्यूटी पार्लर में जाया जा सकता है, लेकिन चेहरे की नुमाइश नहीं की जा सकती। पार्लर में खूबसूरत बनाने के लिए बालों को नोचने की प्रथा है। पूरे शरीर को गलत ढंग से तराशा जाता है। इसे पैगंबर मोहम्मद ने भी मना किया है और यह शरीयत के भी खिलाफ है। वक्त भले ही बदल रहा है, लेकिन अल्लाह के बनाए रास्ते हर दौर में सही हैं। इन्हें बदला नहीं जा सकता। ब्यूटी पार्लर पर दिए गए फतवे के बारे में दारुल उलूम वक्फ के सीनियर मुफ्ती आरिफ से बात की गई। उनसे पूछा गया कि शहनाज हुसैन ब्यूटी पार्लर की दुनिया में बड़ा नाम है। इस पर उनका कहना था कि शरई तौर पर जो गलत है, वह सभी के लिए गलत है, चाहें शख्स कितना ही छोटा हो या कितना ही बड़ा। फतवे के बारे में उनका भी यही कहना था कि मुस्लिम महिलाओं को ब्यूटी पार्लर चलाने की शरियत में इजाजत नहीं।