फर्रुखाबादः प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बालू खनन को रोकने के लिए दिये गये आदेश की चंद 50 रुपये की खातिर सिपाही धज्जियां उड़ाकर आदेश के मुहं पर तमाचा मारने का काम कर रहा है। बालू खनन करवाने में की जा रही अवैध वसूली को लेकर आये दिन बालू खनन माफियाओं में ही नहीं सिपाही व दरोगाओं में भी विवाद होता है।
सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना है कि बालू खनन से देश की नदियों व पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को यह निर्देश दिया था कि बालू खनन न कराया जाये। लेकिन फिर भी बसपा सरकार में बालू का खनन किसी न किसी तरीके से जारी रहा। आज सरकार बदलने के बाद भी बालू खनन बदस्तूर जारी है।
चौकी व थानों के सामने तैनात किये गये खाकी बार्दीधारी सिपाही चंद रुपयों की खातिर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुहं पर तमाचा जड़ पचास से 100 रुपये बुग्गियों व 300 से 400 रुपये प्रति ट्राली वसूली कर अच्छी खासी मोटी रकम काट रहे हैं। क्या इस बात की भनक प्रशासन को नहीं है?
बीते कुछ दिनों पूर्व ही कादरीगेट चौकी पर दो सिपाहियों द्वारा शराब के नशे में मारपीट करने का मुख्य कारण बालू खनन में अवैध वसूली के रुपयों के बंटवारे को लेकर हुआ था। इसके बाद भी आला अधिकारियों ने इस बात को ठंडे बस्ते में डाल दिया। एक बुग्गी चालक से पूछे जाने पर कि यह अवैध रूप से बालू कहां लेकर जा रहे हो तो उसने तपाक से एक बड़ी कुर्सी के अधिकारी के ड्राइवर के घर ले जाने की बात कही।
कंपिल, शमशाबाद, घटियाघाट, बरगदियाघाट, श्रंगीरामपुर, कमालगंज आदि जगहों से कभी भी बालू खनन नहीं रुका है। चाहे प्रशासन द्वारा ठेका हुआ हो या नहीं। बखूबी थाना पुलिस द्वारा रुपये लेकर बालू खनन कराया जा रहा है। इसी अवैध वसूली में कुछ बालू खनन कराने वाले माफिया भी शामिल हैं।
कमालगंज में तो सपा विधायक जमालुद्दीन के द्वारा कई बार बालू खनन कर ले जा रहे ट्रैक्टर ट्रालियों को पकड़वाकर पुलिस को सौंपा है। लेकिन उजाला होने से पहले ही यह सभी बालू माफिया अपनी-अपनी बुग्गियों व ट्रालियों में बालू निकाल ले जाते हैं। इस बात की जानकारी मौके पर तैनात पुलिस को ही हो पाती है और जनता जब तक सोकर दरबाजे खोलती है तब तक ट्रालियां खाली होकर अपने-अपने घरों पर आ जाती है।
अब समाजवादी सरकार आने के बाद बालू खनन की अवैध वसूली पर घमासान मचा हुआ है। यह आने वाला समय ही बतायेगा कि अवैध वसूली बंद होगी या फिर पिछली सरकार की तरह यह भी वसूली में शामिल हो जायेंगे।