फर्जी शिक्षक को बचाने में बेसिक शिक्षा विभाग लामबन्द

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फर्रुखाबादः फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर विशिष्ट बीटीसी में 6 वर्ष पूर्व चयनित एक शिक्षक को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने विगत 27 फरवरी को बर्खास्त कर दिया था। सम्बंधित सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी को बर्खास्त शिक्षक के विरुद्व तीन दिन के भीतर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिये गये थे। इसके बावजूद बर्खास्तगी के दो सप्ताह बाद भी बर्खास्त शिक्षक के विरुद्व न तो एफआईआर दर्ज करायी गयी है और न ही बर्खास्तगी आदेश शिक्षक को व्यक्तिगत रूप से प्राप्त कराया गया है। आदेश का सार्वजनिक प्रकाशन (गजट) भी नहीं कराया गया है। मजे की बात है कि प्रधानाध्यापिका ने उसे 27 फरवरी से ही अवकाश पर दिखा रखा है। जाहिर है कि पूरा विभाग फर्जी शिक्षक को न्यायालय से स्थगनादेश लाने देने की मोहलत देने के लिए मानो लामबंद हो गया है।

विकासखण्ड मोहम्मदाबाद के प्राथमिक विद्यालय अलीदादपुर में तैनात शिक्षक राजनरायन शाक्य की 6 वर्ष पूर्व विशिष्ट बीटीसी में चयन के उपरांत नियुक्ति हुई थी। राजनरायन शाक्य के प्रमाणपत्र फर्जी होने की इस दौरान कई शिकायतें बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दी गयीं। हर बार विभागीय मिलीभगत से फर्जी सत्यापन आते रहे व वेतन भुगतान होता रहा। उनमें से किसी पर भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस सम्बंध में राज्य सूचना आयोग में मुकदमा कर दिया।

आयोग में मामला जिलाधिकारी तक के फंसने का आया तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने एक अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय भेजकर प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया। जिसमें शिकायत की पुष्टि हुई और इस  आधार पर विगत 27 फरवरी को आखिर राजनरायन शाक्य की सेवा समाप्ति का आदेश बीएसए को करना पड़ा। आदेश में फर्जी शिक्षक के विरुद्व तीन दिन में एफआईआर दर्ज कराने व वेतन वसूली की कार्रवाई के भी निर्देश खण्ड शिक्षा अधिकारी को दिये गये थे।

 

H.S. FARZI & ASLI                                      Farzi Satyapan report

BA ki farzi markshee                                    BA Farzi Satyapan report

फर्जी शिक्षक की बर्खास्तगी के दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी अभी तक खण्ड शिक्षा अधिकारी ने न तो बर्खास्तगी आदेश व्यक्तिगत रूप से सम्बंधित को प्राप्त कराया और न ही उसका सार्वजनिक प्रकाशन कराया। हां इसकी सूचना राजनरायन शाक्य को अवश्य दे दी गयी। जिसके चलते उसने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मीरा देवी को अपने अस्वस्थ होने की सूचना देकर चिकित्सकीय अवकाश चढ़वा लिया। स्थिति यह है कि ऐसा लगता है मानो पूरा विभाग राजनरायन शाक्य को न्यायालय से स्थगनादेश लाने के लिए पर्याप्त समय देने के लिए पूरी तौर पर लामबंद है।

खण्ड शिक्षा अधिकारी मोहम्मदाबाद वेद प्रकाश यादव ने बताया कि बर्खास्तगी आदेश राजनरायन के भाई को प्राप्त करा दिया गया है। एफआईआर के विषय में उन्होंने बताया कि करा दी जायेगी, ऐसी भी क्या जल्दी है। अभी तो होली खत्म हुई है, फिर बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी में व्यस्त हूं। समय मिलने पर एफआईआर करा दी जायेगी। उधर प्रधानाध्यापिका मीरादेवी ने बताया कि उनको राजनरायन शाक्य की बर्खास्तगी की कोई लिखित सूचना नहीं मिली है परन्तु यह तथ्य उनकी जानकारी में है। उन्होंने बताया कि राजनरायन की ओर से फोन पर प्राप्त सूचना के आधार पर उसका अवकाश उपस्थिति पंजिका पर दर्ज कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में उन्होंने एक बार ब्लाक संसाधन केन्द्र जाकर खण्ड शिक्षा अधिकारी से भी भेंट करने का प्रयास किया परन्तु वह मिले नहीं। उन्होंने बताया कि उनके पास खण्ड शिक्षा अधिकारी का फोन नम्बर नहीं है इसलिए वह उनसे फोन से सम्पर्क नहीं कर सकीं।