आईपीएस नरेंद्र की हत्या में मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार भी संदेह के घेरे में

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आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार का शुक्रवार को उनके पैतृक गांव मथुरा के लालपुर में अंतिम संस्कार कर दिया गया। नरेंद्र को अंतिम संस्कार के दौरान मुखाग्नि उनकी आईएएस पत्नी मधु तेवतिया ने दी।

दाह संस्कार से पूर्व राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में लिपटे शहीद नरेंद्र के शव को पुलिस ने आखिरी सलामी दी। इस जांबाज आईपीएस अधिकारी को अंतिम विदाई देने के लिए सारा गांव उमड़ पड़ा। नरेंद्र कुमार के पिता अलीगढ़ में तैनात हैं और यहां उनके बहुत सारे रिश्तेदार भी रहते हैं। यही कारण है कि उनके शव को मथुरा से पहले अलीगढ़ लाया गया।

शहीद आईपीएस अधिकारी की हत्या के बाद अब जमकर राजनीति शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश विधान सभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने कहा कि जिस तरीके से प्रदेश के मुरैना जिले में एक आईपीएस अधिकारी की हत्या की गई है, उससे खराब कानून व्यवस्था के बारे में पता चलता है। उन्होंने कहा कि उस प्रदेश की कानून व्यवस्था क्या होगी जहां पर कोई किसी आईपीएस अधिकारी की जान तक लेने की हिम्मत रखता हो।

अजय ने कहा कि विपक्षी कांग्रेस बहुत समय से प्रदेश में अवैध उत्खनन के बारे में बात कर रही है पर भाजपा सरकार ने उसको काबू में लाने के लिए अभी तक कुछ भी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन करने वाले लोग ही आईपीएस अधिकारी की हत्या के पीछे और इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है।

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाया है। दिग्विजय सिंह ने मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि इस हत्या के पीछे मुख्य मंत्री के कई रिश्तेदार भी शामिल हैं। साथ ही इस हत्या के पीछे बीजेपी के कई विधायक व मंत्रियों के शामिल होने की भी बात कहीं गई है।

लेकिन विपक्ष की सारी बातों को दरकिनार करते हुए मध्य प्रदेश के गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि नरेंद्र कुमार की हत्या पूर्वनियोजित नहीं था। गृह मंत्री के मुताबिक, टैक्टर के ड्राइवर का नाम मनोज सिंह है और हत्या में इस्तेमाल किया गया ट्रैक्टर उसी का था।

लेकिन नरेंद्र के पिता केशव सिंह ने सीधे आरोप लगाया है कि उनके बेटे की हत्या सोची समझी साजिश व षड्यंत्र के तहत की गई है। उन्होने यह भी कहा कि उनके बेटे को मुरैना पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा था अन्यथा उनके बेटे की जान नहीं जाती। केशव सिंह के इस वक्तव्य से पुलिस और प्रदेश सरकार की मुश्किलें और बढ़ती दिख रही हैं।

गौरतलब है कि मुरैना जिले के बामौर कस्बे में अवैध खनन में शामिल खनिज माफिया ने गुरुवार को नौजवान पुलिस अधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह को ट्रैक्टर ट्रॉली से कुचलकर मार डाला।

चंबल रेंज के पुलिस उप-महानिरीक्षक[डीआईजी] डी.पी.गुप्ता ने बताया कि साल 2009 बैच के आईपीएस नरेंद्र मुरैना जिले के बामौर में प्रशिक्षु पुलिस अनुमंडल अधिकारी [एसडीपीओ] के तौर पर तैनात थे। होली के मौके पर कल वह अपने ड्राइवर और गनर के साथ बामौर के दौरे पर थे तभी उन्होंने पत्थरों से भरी एक ट्रैक्टर ट्रॉली देखकर उसे रोकने की कोशिश की लेकिन ड्राइवर ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर भागने लगा।

गुप्ता ने बताया कि जब ट्रैक्टर ड्राइवर भाग रहा था तभी सिंह ने उसका पीछा किया। उन्होंने सड़क के बीच खड़े होकर ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की लेकिन इस बार ट्रैक्टर ड्राइवर ने उन पर ट्रैक्टर ट्रॉली चढ़ा दी। इससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्होंने बताया कि इस वारदात के बाद उन्हें तुरंत ग्वालियर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच से लगता है कि उस क्षेत्र में कार्यरत खनिज माफिया का इस घटना में हाथ हो सकता है।

गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने ट्रैक्टर चालक मनोज गुर्जर को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

नौजवान पुलिस अधिकारी की पत्नी मधुरानी तेवतिया भारतीय प्रशासनिक सेवा [आईएएस] की अधिकारी हैं और वर्तमान में ग्वालियर में ही तैनात हैं। इन दिनों वह प्रसूति अवकाश पर चल रही हैं।

सूत्रों के अनुसार नरेंद्र कुमार सिंह पिछले एक महीने से बामौर में पदस्थ थे और इस दौरान उनकी ओर से खनन माफिया के खिलाफ चलाई जा रही तेज मुहिम से हड़कंप मचा हुआ था। उन्होंने 10 दिन पहले ही रेत से भरे ट्रक और ट्रैक्टर जब्त किए थे।

इस वारदात की सूचना मिलते ही भाजपा शासित इस राज्य के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता तथा पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे ग्वालियर के लिए रवाना हो गए।

दूसरी तरफ वारदात के वक्त वहां मौजूद चश्मदीद डॉ दिलीप मिश्रा ने बताया कि नरेंद्र कुमार ने आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक पेट्रोल पंप के पास उक्त ट्रैक्टर ट्रॉली को रोकने की कोशिश की लेकिन ट्रैक्टर ड्राइवर ने पेट्रोल पंप के बगल में बने रास्ते से भागने की कोशिश की। लेकिन नरेंद्र पीछे से ट्रैक्टर ट्रॉली पर चढ़ गए और उन्होंने चालक को काबू में करना चाहा।

डॉ मिश्रा ने बताया कि इस दौरान ट्रैक्टर ड्राइवर ने ट्रॉली को पलट दिया और कुमार पत्थरों के नीचे दब जाने के कारण बुरी तरह जख्मी हो गए। उन्हें ग्वालियर के सहारा अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

ग्वालियर के जे.ए. अस्पताल में पोस्ट मॉर्टम के बाद नरेंद्र कुमार का शव एसएएफ मैदान लाया गया जहां गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता, पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे तथा अन्य आला अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की। गृह मंत्री ने बाद में मीडिया से चर्चा में कहा कि सरकार गैर-कानूनी खनन माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने विपक्ष से इस तरह के मामले में सियासत नहीं करने की गुजारिश भी की।

यह घटना जहां हुई वह वही इलाका है जहां मुरैना के तत्कालीन कैलेक्टर आकाश त्रिपाठी की ओर से गैर-कानूनी खनन के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान कैलेक्टर पर गोली चलाई गई थी और वह बाल-बाल बच गए थे।