फर्रुखाबाद: पुरानी कहावत है कि हम तो डूबेंगे सनम तुमको भी ले डूबेंगे……. कल्याण सिंह ने अपने समधियाने में ऐसा ही कुछ किया। कल्याण सिंह को फर्रुखाबाद से काफी उम्मीदें थीं। कभी साक्षी महाराज का क्षेत्र रहे फर्रुखाबाद में लोधियों की एकता के बारे में उन्हें जानने की जरूरत नहीं थी। सितम्बर से फरवरी तक कल्याण ने यहाँ आकर चार सभाएं कीं और नतीजे वही आये जिसकी पहले से उम्मीद थी। जन क्रांति पार्टी खुद तो कहीं नहीं जीत पायी लेकिन उसने चारो क्षेत्रों में भाजपा का खेल जरूर बिगाड़ा। सदर में जन क्रांति पार्टी की मौजूदगी सपा के लिए भी भरी पड़ी।
भोजपुर क्षेत्र में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश राजपूत सबसे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे थे। उन्हें 33 हज़ार 21 वोट मिले और भाजपा के सौरभ राठौर 27 हज़ार 953 वोटों पर ही सिमट गए। वह तीसरे स्थान पर पहुँच गए। उन्हें लोधी मतदाताओं की कमी मंहगी पड़ी। अमृतपुर में जन क्रांति पार्टी के जितेन्द्र सिंह यादव 31 हज़ार 916 वोट लेकर भी हार गए। यहाँ भी भाजपा के सुशील शाक्य 29 हज़ार 270 वोट लेकर तीसरे स्थान पर जा पहुंचे। भाजपा ने यहाँ लोधियों को जोड़ने के लिए उमा भारती, साक्षी महाराज और राम बक्श वर्मा की सभाएं करायीं पर लोधियों पर कल्याण सिंह का जादू चला। सदर सीट पर लोधी महासभा की प्रदेश महामंत्री उर्मिला राजपूत सपा उम्मीदवार थीं। यहाँ जन क्रांति पार्टी के मोहन अग्रवाल को 9 हज़ार 405 वोट मिले। नतीजतन उर्मिला राजपूत चौथे स्थान पर का पहुँचीं। लोधियों ने यहाँ भी भाजपा का बेडा गर्क किया। भाजपा उम्मीदवार सुनील दत्त द्विवेदी मात्र 147 वोटों से हार गए। कायमगंज में कल्याण सिंह की पार्टी ने 18 हज़ार 767 वोट लेकर भाजपा को दूसरे स्थान से पहले स्थान तक आने का रास्ता रोक दिया।
फर्रुखाबाद के चुनाव नतीजों से कल्याण सिंह की पार्टी के लोग इतना ही खुश हो सकते हैं कि वे खुद तो नहीं जीते पर भाजपा की रास्ता रोकने में सफल हुए।