जनपद की जनता ने नकारी विरासत की राजनीति….

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फर्रुखाबाद: विधान सभा चुनावों ने पैत्रक राजनीती करने वालों को करारा झटका दिया है। राजनैतिक विरासत के दावेदार सुशील, लुइस, रज्जू भैया, मेजर, अन्नू सब के सब इस विधानसभा चुनाव में खेत रहे।
पूर्व संसंद मुन्नू बाबू ने सपा इसलिए छोड़ी क्यों की पार्टी ने उनके बेटे को भोजपुर से टिकट देने को लाल झंडी दिखा दी थी। मुन्नू बाबु के राजनाथ सिंह से पुराने रसूख थे और भाजपा से बेटे के लिए टिकट ले आये। नतीजा सामने है, जनता ने सौरभ सिंह को नकार दिया। और तो और लुईस खुर्शीद की प्रोफाईल में येही तो खास बात थी कि वे सलमान खुर्शीद की पत्नी थीं।
लुईस चुनावी नतीजों में चौथे नंबर पर रहीं।

भाजपा ने पूर्व मंत्री मेजर सुनील दत्त को फर्रुखाबाद सदर से उम्मीदवार बनाया। स्वर्गे द्विवेदी के भतीजे प्रांशु दत्त भी टिकट मांग रहे थे। मेजर भी जीते लोगों में नाम नहीं लिखा सके। पूर्व संसद दया राम शाक्य के पुत्र होने के नाते सुशील शाक्य भाजपा की राजनीती में आगे बाद रहे हैं। मुरली मनोहर जोशी ने अमृतपुर की सभा में दयाराम शाक्य के नाम का उल्लेख
भी किया था। सुशील शाक्य भी चुनाव हार गए हैं। एमएलसी पिता के दम पर कायमगंज से अंतिम समय में टिकट लाये बसपा प्रत्याशी अनुराग जाटव के भी जनता ने नकार दिया।