फर्रुखाबादः दूसरे भगवान कहे जाने वाले डाक्टर अब इलाज छोड़ नेतागीरी पर उतर आये हैं। लोहिया अस्पताल में डाक्टर मरीजों का इलाज छोड़ जिधर देखो उधर नेतागीरी पर आमादा हैं। नेतागीरी के चक्कर में वे गंभीर तड़पते मरीजों को नजरंदाज कर रहे हैं। यहां तक कि तीमारदारों को बेइज्जत किया जा रहा है।
ऐसा ही एक वाकया लोहिया अस्पताल में 3 दिन से भर्ती अनिल सक्सेना पुत्र राजाराम सक्सेना का है। अरविंद सक्सेना के फोड़े का इलाज किया जा रहा था। आज अरविंद सक्सेना बुरी तरह दर्द से कराह रहा था। तो उसके भाई अरुण सक्सेना ने ड्यूटी पर तैनात नर्स से अरविंद को देख लेने की बात कही। इस पर नर्स ने टाल मटोल कर दिया। भाई मिन्नतें करता रहा जब उसने एक्सरे कराने के लिए स्टेचर मांगा तो नर्स बुरी तरह झल्ला गयीं और बोलीं कि मुझे नहीं मालूम देखो जाकर।
वहां मौजूद अन्य मरीजों के तीमारदारों ने भी कराह रहे अरविंद को देखने की बात कही इस पर नर्स ने मरीज के इलाज के बजाय उन्होंने अपनी एसोसिएशन की अध्यक्ष सहित कई नर्सें बुला लीं व तीमारदार को जमकर हड़काया।
अध्यक्ष इंदूबाला ने कहा कि इलाज कराने आये हो तो यहां ऐसे ही इलाज होता है। कराना है तो ठीक वरना जल्दी है तो किसी प्राइवेट अस्पताल में दिखा लो।
तो यह है लोहिया अस्पताल का हाल जहां तीमारदारों को इलाज कराने के लिए नर्सों की झड़प व उल्टी सीधी झेलनी पड़ रहीं हैं। ये तो मात्र एक नमूना है, ऐसे वाकये यहां प्रति दिन होते रहते हैं। इसी लेट लतीफी के चलते केवल असहाय व बेहद गरीब मरीजांे को छोड़कर कोई अब लोहिया अस्पताल में अपने मरीजों को भर्ती नहीं करना चाहता। 6
यदि जिला प्रशासन लोहिया अस्पताल के डाक्टरों व नर्सों की इन हरकतों की इसी तरह अनदेखी करती रही तो वह दिन दूर नहीं जब लोग लोहिया अस्पताल में आने से डरने लगेंगे और सरकार की स्वास्थ्य योजनायें धरी की धरी रह जायेंगीं।
वहीं सीएमएस ए के पाण्डेय से मोबाइल पर बात करने पर जे एन आई प्रतिनिधि को बताया कि वह अभी लखनउ मे विभागीय काम से गये हैं। उन्हें घटना की जानकारी नहीं है। वापस आने पर जांच कराकर दोषी नर्सो के विरुद्व कार्रवाई की जायेगी।