विशातखाने का महल जल गया, सूचना में ‘गरीब’ शब्द सुन सोती रही पुलिस

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फर्रुखाबादः उस गरीब का तो महल जल गया मगर बुझाने के लिए पुलिस को सूचना देने पर खाकी इसलिए नहीं पहुची क्यूंकि वो महल किसी गरीब का निकला| घास फूस की टटिया से तैयार दीवारे और पोलीथीन से तैयार छत जब धू धूं कर जला गया तो पांच मासूमो और उनके मां बाप की छत अब नीली छतरी वाले का आसमा रह गया| इधर उधर बिखरे पड़े बर्तन और कुछ बर्तनों में लिपटी जली रोटी ही अगले दिन के निबाले के लिए बची थी| हलके का दरोगा और लेखपाल इस बात पर मुह फेर गए कि इस सा…ले के पास तो देने के लिए भी कुछ नहीं बचा कुछ और काम देखते है| ये हालत है फर्रुखाबाद जिले के प्रशासन का एक गरीब के लिए डीएम साहब| इस गरीब ने भी सबसे सस्ती माचिस खरीदी होगी और उसमे से कुछ कर चुकाया होगा जिसके अंश से तुम्हारे घर में भी रोटी पकी होगी| मगर जब इसे जरुरत पड़ी तुम्हारे कारिंदे इसके कफ़न में झांकते नजर आये!

गंगा घाट के पास विशातखाना व घटवई की झोपड़ी में आग लगने से उनमें रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। सूचना देने गये पीड़ित जब घटियाघाट चौकी पहुंचा तो वहां तैनात सिपाहियों ने उसे टरका दिया।

गंगा घाट पर अचानक आग लगने से हजारों रुपये की नगदी व सामान जल गया। आग से झोपड़ी जलने के पीड़ित घटवई राजन पुत्र राजकुमार दीक्षित निवासी सतोषा हरपालपुर ने बताया कि वह तकरीबन 8 वर्षों से गंगा घाट पर घटवई का काम कर रहा है। उसके साथ उसकी पत्नी रानी व तीन बच्चे रवी, सुनील व सपना रहते हैं।

राजन ने बताया कि आग लगने से उसका 10 हजार रुपये नगद व 10 बोरी अनाज जोकि रामनगरिया मेले से कमाया था सब जलकर राख हो गया। इसी के झोपड़ी में पड़ी पड़ोस के दुकानदार जितेन्द्र पुत्र खुशीराम निवासी ऊसरपुर शमशाबाद की साइकिल भी जलकर राख हो गयी।

 

वहीं विशातखाना दुकानदार स्व0 रामपाल गुप्ता की पत्नी विकलांग मीना जोकि अपने बच्चे रक्षाबंधन, गुड्डू, सुनील व नवविवाहिता पुत्री रीना के साथ रह रही थी। तकरीबन 15 दिन पूर्व ही मीना ने अपनी पुत्री रीना की शादी पचदेवरा हरदोई से की थी। उसका भी तकरीबन 15 हजार से अधिक का नुकसान आग लगने से हुआ है।
वहीं खन्डियुली राजेपुर निवासी कमला पत्नी स्व0 शिवराम का पांच हजार से अधिक का सामान, तीन हजार रुपये नगद, जलकर राख हो गया।

 

सूचना के बाद भी सोती रही घटियाघाट चौकी पुलिस
आग लगने की सूचना देने शाम को जब सभी पीड़ित घटियाघाट चौकी पहुंचे तो राजन ने बताया कि हम लोगों ने जब कहा कि हमारे यहां आग लग गयी है तो मौके पर तैनात पुलिस ने कह दिया कि अभी यहां से जाओ सुबह आकर देखेंगे। लेकिन तब तक इन गरीब लोगों का सबकुछ जलकर राख हो गया। पुलिस चौकी पर नींद मारती रही। चौकी में सो रहे सिपाही के ऊपर जैसे ही कैमरे का फ्लेश पड़ा वैसे ही चौराहे पर तैनात एक प्राइवेट व्यक्ति रामलाल पुत्र राधेलाल जोकि लोगों के अनुसार वाहनों से वसूली का कार्य करता है ने फटाफट सो रहे सिपाही को नींद से जगाया। सिपाही बोला नींद तो आ ही जाती है और ऐसी छोटी-मोटी आग तो लगती ही रहती है। व्यक्ति रामलाल से परिचय मांगने पर चौकी से भाग खड़ा हुआ।