लखनऊ में चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने बुधवार को मंच पर विरोधी दलों के प्रति आक्रोश जाहिर करते हुए एक कागज फाड़ा। इस कागज को दूसरे राजनीतिक दलों के जनता से किए गए वादे बताया गया लेकिन असल में इस पर दूसरी पार्टियों के वादे नहीं बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और प्रत्याशियों के नाम लिखे थे।
दरअसल रैली के दौरान राहुल जैसे ही मंच पर पहुंचे तो उन्होंने सबसे कांग्रेस के नेताओं और प्रत्याशियों की सूची अपने हाथ में ली। ये सूची लेकर ही राहुल भाषण देने के लिए पहुंच गए। तैश में आए राहुल ने कहा कि पार्टियां सिर्फ वोट मांगते वक्त जनता से वादे करती हैं असल में कुछ नहीं करती। वादों से प्रदेश की तस्वीर नहीं बदलेगी बल्कि कुछ करने से बदलेगी। यह कहते हुए राहुल ने कहा कि मैं ऐसे वादों की सूची को फाड़ता हूं और अपने हाथ में मौजूद लिस्ट उन्होंने फाड़ दी।
राहुल गांधी इससे पहले भी कई बार उत्तर प्रदेश के वोटरों के गुस्से को ललकार चुके हैं लेकिन बुधवार को उनके तेवर कुछ ज्यादा ही कठोर थे। राहुल के मंच पर इस तरह कागज फाड़ना तुरंत सुर्खियों में आ गया। विपक्षी दलों खासकर समाजवादी पार्टी ने इस पर तीखि प्रतिक्रिया भी दी।
लेकिन अब राहुल के दूसरी पार्टियों के वादों की सूची फाड़ने की सच्चाई सामने आ गई है। असल में जो सूची उन्होंने फाड़ी थी उस पर कसी और पार्टी के वादे नहीं बल्कि उनकी पार्टी के ही उम्मीदवारों और नेताओं के नाम थे। जैसे ही राहुल गांधी ने भाषण खत्म किया वैसे ही फाड़े गए कागज के टुकड़ों को सुरक्षाकर्मियों ने उठा कर अपने पास रख लिया।