आचार संहिता तोड़ने के मामले में कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की मुश्किल बढ़ती जा रही है। राष्ट्रपति ने सलमान खुर्शीद के खिलाफ चुनाव आयोग की चिट्ठी को पीएमओ के पास भेज दिया है। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री कार्यालय से चुनाव आयोग की चिट्ठी पर उचित कार्रवाई करने को कहा है। शनिवार देर शाम को ही चुनाव आयोग ने कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की शिकायत करते हुए राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी थी।
कानून मंत्री और चुनाव आयोग के बीच छिड़ी जंग राष्ट्रपति से होते हुए फिर से प्रधानमंत्री के पाले में पहुंच चुकी है। आयोग की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रपति ने इसे पीएमओ के पास जरूरी कार्रवाई के लिए भेज दिया है। अब सलमान खुर्शीद की किस्मत का फैसला प्रधानमंत्री के हाथ में है। इससे पहले आयोग ने शनिवार को एक आपात बैठक बुलाकर तय किया कि खुर्शीद की शिकायत राष्ट्रपति से की जाए।
राष्ट्रपति को लिखे खत मे आयोग ने कहा है कि आयोग ने क़ानून मंत्री की भाषा और तेवर को आयोग के क़ानूनी निर्देश के प्रति बेहद अपमानजनक पाया है। क़ानून मंत्री के व्यवहार से चुनाव में सबको बराबर मानने के सिद्धांत को भी आघात पहुंच रहा है। क़ानून मंत्री के रवैये से एक बेहद परेशानी वाली स्थिति पैदा हो गई है। आयोग को इस बात से धक्का लगा है कि मंत्री ने आचार संहिता के उल्लंघन के प्रति अफ़सोस जताने की जगह आक्रामक होने का रास्ता चुना है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।
आयोग इस बात से आहत है कि उसके संवैधानिक कर्तव्यों को उस क़ानून मंत्री ने ही कम करने की कोशिश की है जिसकी ज़िम्मेदारी चुनाव आयोग को मज़बूत करना है, न कि उसे कमज़ोर करना। आयोग की चिंता ये है कि क़ानून मंत्री के ग़ैरक़ानूनी बर्ताव ने संवैधानिक संस्थाओं के बीच संतुलन बिगाड़ने का काम किया है। चुनाव आयोग ने इस वक्त आपको पत्र लिखना इसलिए ज़रूरी समझा ताकि आप निर्णायक तौर पर दख़ल दें, जिससे उत्तर प्रदेश में जारी चुनाव संपन्न कराया जा सके।
ताजा मामला फर्रूखाबाद का है। यहां एक रैली में सलमान ने कहा कि आयोग चाहे उन्हें फांसी दे दे लेकिन वो आरक्षण की बात करते रहेंगे।
वहीं, कांग्रेस ने खुर्शीद का खुलेआम समर्थन किया है। पार्टी महासचिव दिग्विजय ने कहा है कि ये खुर्शीद पार्टी के एजेंडे के तहत ही बात कर रहे हैं लिहाजा उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा। वहीं, बीजेपी ने मांग की है कि खुर्शीद के चुनाव प्रचार पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग पहले भी खुर्शीद को चेतावनी जारी कर चुका है जब एक चुनावी रैली में उन्होंने मुस्लिम आरक्षण की बात कही थी। इसके बाद उन्होंने आयोग के बारे में कहा था कि हर संस्था किसी न किसी के तहत काम करती है। इस पर आयोग ने पीएम से शिकायत की थी मगर नतीजा कुछ नहीं निकला। जाहिर तौर पर देखना दिलचस्प होगा कि पीएम अबकी बार क्या कार्रवाई करते हैं?