जनमतः विधायक कोई भी बने जनता का खून ही पियेगा

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फर्रुखाबादः विधानसभा चुनाव को लेकर जनता में बहुत ही अधिक आक्रोष भरा पड़ा है। जेएनआई के सर्वे में यह बात साफ हो गयी कि आम जनता अब भ्रष्टाचारियों की तरफ देखना भी पसंद नहीं कर रही है। भ्रष्टाचारी और दागी नेताओं को उखाड़ फेंकने की मानो जैसे जनता ने कमर कस ली हो। हर व्यक्ति पूर्व में रहे विधायकों की कार्यप्रणाली से खासा असंतुष्ट दिखायी दे रहा है। जनता का मानना है कि चुनाव के दौरान हम लोगों को बरगलाकर वोट ले लेने की अच्छी जुगत राजनेताओं को आती है। जनता के भोलेपन का फायदा उठाकर सफेदपोश धारी लोग हमेशा आम जनता का शोषण ही करते आये हैं।
चुनाव से पहले लम्बे चौड़े भाषण और चुनाव जीतने के बाद जीते हुए नेता से राम-राम तक करने में हम लोगों को घंटों गेट पर इंतजार करना पड़ता है और जो नेता हार जाता है वह तो हम लोगों को पहचानने से भी इंकार कर देता है। इसी बातों को लेकर जेएनआई ने कुछ लोगों से जनता के विचार जानने का प्रयास किया।

आज की तारीख में कोई वोट देने लायक नहीं
पेशे से दवाई का व्यवसाय करने वाले आईटीआई निवासी अखिलेश कुमार ने बताया कि बगैर भ्रष्टाचार किये कोई भी नेता बन ही नहीं सकता। आज की तारीख में ऐसा कोई प्रत्याशी नहीं है जिसको हम चुन सकें और जो किसी न किसी तरीके से दागी न हुआ हो। अन्ना की आवाज हर भ्रष्टाचारी को बुरी लगती है क्योंकि जब किसी काने से आप काना कह देते हैं तो उसे बुरा तो लगेगा ही। प्रत्याशी कोई भी जीते लेकिन जनता का खून ही पियेगा।

 

 

युवाओं को आगे बढ़ाने वाला प्रत्याशी चाहिए
इंटर मीडिएट की छा़त्रा मोहल्ला इस्माइलगंज सानी निवासी ज्योति बाजपेयी ने कहा कि हमारा विधायक वह हो जो हम युवाओं के लिए बेहतर शिक्षण व्यवस्था व सुविधायें दे सके। लड़कियों के लिए बेहतर शिक्षण संस्थान हों जिनमें न्यूनतम फीस पर हम लोग बड़ी कक्षाओं की शिक्षा प्राप्त कर सकें। अभी तक जो विधायक बना वह सिर्फ पांच साल में अपना ही विकास कर पाया। हम युवाओं का तो किसी को कोई ख्याल ही नहीं। ज्योती के अनुसार युवाओं की हर क्षेत्र में भागीदारी है युवा जो चाहे वह कर सकता है। आने वाली नई सरकार को युवाओं के प्रति कुछ नया कदम उठाना चाहिए।

 

 

जिले में उद्योग धन्धों की कमी, किसान परेशान
भोपतपट्टी निवासी पण्डित इच्छाराम दीक्षित ने कहा कि फर्रुखाबाद में किसान खेती से अपने परिवार का पेट भी नहीं पाल पा रहा है। भारी मात्रा में आलू फर्रुखाबाद में पैदा होता है। जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश में ही नहीं वल्कि देश में भी है। इसके बावजूद भी आलू जगह-जगह सड़क के किनारे सड़ता देखा जा सकता है। जिसका मुख्य कारण आलू की खपत के लिए कोई उद्योग न होना। अभी तक बनी सरकारों व विधायकों ने इस विषय में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। किसानों के लिए एक बार फिर यह मौका है कि वह उस व्यक्ति को ही चुने जो हम लोगों के हित की बात करे। कई नेताओं द्वारा पूर्व में दिये गये किसानों की आलू की फसल की भरपाई के लिए उद्योगधन्धे लगाने की बात कोरी कल्पना ही साबित हुई। नये विधायक से हम लोग यही उम्मीद करेंगे कि वह किसानों के लिए कुछ बेहतर करें।

 

नरेगा के बावजूद भी लोगों को नहीं मिल रहा गांवों में काम
मोहल्ला इस्माइलगंज निवासी महेश चन्द्र का कहना है कि फर्रुखाबाद में रोजगार की भारी कमी है। चौक चौराहे पर अगर कोई पान पुड़िया बेचता भी है तो उसे पुलिस के खौफ और वसूली का शिकार होना पड़ता है। मजबूरी है कि काम न होने के कारण ही शायद शहर में चोरी की बारदातों में बढ़ोत्तरी हुई है। गांव का व्यक्ति सुबह पांच बजे से ही चौक पर बिकने के लिए मजबूर हो जाता है। सुबह से ही ठंड में ठिठुर कर गरीब किसान चौक पर खड़ा किसी पैसे वाले व्यक्ति की तरफ टकटकी लगाये देखा जा सकता है। कुछ को तो भाग्य से कोई व्यक्ति अपने यहां मजदूरी के लिए ले जाता है तो वहीं दूसरी तरफ जिन बेचारों को घंटों खड़े रहने के बावजूद भी काम नहीं मिलता तो बेचारे निराश होकर घर वापस हो जाते हैं। पैसे की कमी और रोजगार न होने की बजह से किसान कर्जा लेने पर मजबूर हो जाता है कर्जा न चुका पाने की स्थिति में ज्यादातर किसान व गरीब लोग आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं। केन्द्र सरकार द्वारा चलायी गयी नरेगा योजना को ताक पर रखकर प्रधान और ग्राम विकास  अधिकारी पैसा झटक रहे हैं और मजदूर रोजगार के लिए भटक रहे हैं। हमारे हिसाब से विधायक वही बने जो हम लोगों को उचित रोजगार दिला सके।

लचर कानून व्यवस्था से महिलाओं की अस्मत खतरे में
नई बस्ती निवासी रानी देवी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान में महिलाओं की इज्जत के साथ खिलवाड़ होना आम बात हो गयी है। लेकिन कानून पुलिस और राजनेता इस बात को गंभीरता से नहीं ले रहे। अगर हम लोग बाहर सुरक्षित नही ंतो हम मतदान ही क्यों करें। लचर पुलिस व्यवस्था का प्रत्यक्ष उदाहरण आये दिन समाचार पत्रों में छपता रहता है कि कहीं किसी नाबालिग के साथ दुराचार तो कहीं किसी छात्रा के साथ घिनौनी हरकत। इतनी घटनाओं के बाद अब महिलाओं में अपनी सुरक्षा को लेकर काफी रोष है। हम लोगों का मानना है कि विधायक वह बने जो कम से कम महिलाओं की सुरक्षा को तो ध्यान में रखे। महिलाओं के साथ हो रहे दुराचार भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है। मोहल्लों में जगह-जगह जलभराव, बजबजाती हुईं नालियां, टूटी सड़कें, जर्जर विद्युत पोल, पूर्व में विधायकों द्वारा किये गये सुकार्य का जीता जागता उदाहरण है।