फर्रुखाबाद: रविवार को यहां मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में जफरयाब जीलानी द्वारा दिये गये बयानों की हवा निकालते हुए अयोजन के राजनैतिक निहितार्थों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जिन बिंदुओं को केंद्र सरकार द्वारा मान लिये जाने पर श्री जीलानी स्वयं सोनिया गांधी को लिखित रूप से धन्यवाद दे चुके हैं, उन्ही बिंदुओं पर स्थानीय लोगों को कैसे भ्रमित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अल्पसंख्यक संस्थाओं को बाहर करने का प्रस्ताव राज्यसभा में मतदान के लिये भेजा जा चुका है। डायरेक्ट टैक्स कानून में धार्मिक संस्थाओं को शामिल नहीं किया जा रहा है व वक्फ संपत्तियों के विषय में पर्सनल ला बोर्ड की सिफारिशों को संसद की स्थायी समिति ने मान लिया है। उन्होंने कहा कि जनपद फर्रुखाबाद को पहले ही अल्पसंख्यक सांद्रित जनपदों की सूची में शामिल किया जा चुका है, इसको अगली पंचवर्षीय योजना से लागू किया जायेगा।
केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने सोमवार को यहां मीडिया से वार्ता के दौरान कहा कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड को मुस्लिम हितों के संबंध में अपनी वात रखने का पूरा हक है। परंतु यह आयोजन जिस समय किया गया, उससे इसके राजनैतिक निहितार्थ स्पष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इतना ही नही जलसे के अंदर जिन बिंदुओं को उठाया गया उनपर पहले ही वार्ता हो चुकी है व इस संबंध में सोनिया जी को लिखित धन्यवाद पत्र भी इनकी ओर से दिया जा चुका है। फिर किस मुंह से यह लोग उन मुद्दों पर जनता को भ्रमित कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून में अल्पसंख्यक संस्थाओं से बाहर रखने के मुद्दे पर संषोधन बिल राज्य सभा में मतदान के लिये उपलब्ध है। वक्फ संस्थाओं के संबंध में बिल को संसद की स्थायी समिति से हरी झंडी मिल चुकी है। डायरेक्ट टैक्स एक्ट से धार्मिक संस्थाओं को मुक्त रखा गया है।
श्री खुर्शीद ने बताया कि अल्पसंख्यक सांद्रित जनपदों की सूची में फर्रुखाबाद को सम्मिलित किया जा चुका है। इसका क्रियांवयन अगले वर्ष से लागू होने जा रही नयी पंचवर्षीय योजना से कर दिया जायेगा।