दलित को पीटने वाला दरोगा व सिपाही सस्पेंड, एफआईआर दर्ज

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फर्रुखाबाद: मोहम्मदाबाद के ग्राम खिमसेपुर में जोगीयन नगला निवासी संतोष व उसकी ७० वर्षीय वृद्ध माँ नारायणी देवी की जमकर पिटाई करने व संतोष को रात भर अकारण चौकी में रखने के मामले में मदनपुर चौकी इंचार्ज एसके सिंह व सिपाही नरेंद्र सिंह के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। पुलिस अधीक्षक ने दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पीड़ित संतोष ने बताया कि दरोगा ने उसके चिकित्सीय परीक्षण के दौरान डाक्टर से सांठ-गांठ कर सही तौर पर चोटों को उल्लेख नहीं करने दिया। दरोगा के आतंक के कारण अभी भी ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

विदित है कि संतोष के बयान के अनुसार शनिवार को मदनपुर चौकी इंचार्ज एसके सिंह सिपाही नरेंद्र सिंह के साथ बुलेरो कार संख्या HR-16-C-0152 लेकर मेरे घर आया और मुझे मारने पीटने लगा, जिसका विरोध करने पर उसने मेरी माँ नारायणी देवी को भी बुरी तरह मारा पीटा और मुझे उठाकर चौकी ले गया| थाने लेजाकर दरोगा ने संतोष की जमकर मार लगायी व गुप्तांग में भी लाठियां मारी और बाद में धमकाया कि अगर किसी को कुछ भी बताया को पूरे गाँव वालो को लाठियाया जायेगा| घटना की भनक मीडिया को लगने के बाद उच्चाधिकारियों को सूचना मिली तो देर रात्रि अपर पुलिस अधीक्षक ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की व संतोष की एफआईआर दर्ज कराई। सोमवार को पुलिस अधीक्षक ओपी सागर ने बाताया कि दरोगा व सिपाही दोनों को निलंबित कर दिया गया है। संतोष के दलित होने के बावजूद दलित उत्पीड़न की धारा को एफअईआर में न जोड़े जाने के बिंदु पर उन्होंने कहा कि विवेचना में इसे शामिल किया जायेगा।

संतोष ने बताया कि स्वयं को “सिंहम” कहने वाला दरोगा एसके सिंह चिकित्सीय परीक्षण के दौरान लोहिया अस्पताल पहुंच गया व वहां पर मेरे ऊपर दबाव बनाने का प्रयास किया परंतु मेरे न मानने पर उसने डाक्टर से सांठ-गांठ कर मेरी वास्तविक चोटों को कम करके लिखवा दिया है। उसने बातया कि दोबारा चिकित्सीय परीक्षण कराने की मांग की है।