फर्रुखाबाद: रविवार को यहां मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के एक कार्यक्रम में शामिल होने आये जफरयाब जिलानी ने मुस्लिमों को समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान करने संबंधी मौलान बुखारी के बयान देने को जायज ठहराया। उन्होंने मुस्लिम आरक्षण की वकालत की और केंद्र व प्रदेश की सरकारों को विभिन्न् मुद्दों पर बुरी तरह घेरा।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के बैनर तले शहर के मुस्लिम बहुल क्षेत्र स्थित ग्रीन गार्डेन में आयोजित कार्यक्रम के उपरांत जफरयाब जीलानी ने मीडिया कर्मियों से वार्ता के दौरान मौलाना बुखारी के मुस्लिमों के नाम समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील के विषय में पूछे जाने पर उनका खुलकर बचाव किया। उनहोंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को लोकतंत्र में अपने विचार रखने का अधिकार है। अब यह अधिकार लोगों का है कि वह उनकी बात माने या न मानें। परंतु इस आधार पर कि वह किसी मस्जिद के इमाम हैं उनको इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
श्री जीलानी ने केंद्र व राज्य सरकारों को अल्पसंख्यकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर जमकर घेरा। शिक्षा के अधिकार कानून में अल्पसंख्यक मदरसों को बाहर करने, गैर पंजीकृत वक्फ संपत्तियों के संरक्षण व धार्मिक संस्थाओं को डायरेक्ट टैक्स कानून से बाहर करने की मांग जहां केंद्र सरकार से की गयी वहीं राज्य सरकार को पैतृक संपत्ति में मुस्लिम महिलाओं को शरियत के मुताबिक हिस्सा देने का नियम न बनाने के मुद्दे पर घेरा गया।
मुस्लिम आरक्षण के बिंदु पर श्री जीलानी ने मुसलमानों को आबादी के आधार पर आरक्षण दिये जाने व दलित या पिछड़ों जैसे कारोबार करने वाली मुस्लिम जातियों को भी अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग में उनकी आबादी, जो कि लगभग नौ प्रतिशत है, के अनुसार आरक्ष दिये जाने की वकालत की।