उमा भारती से मेरा कोई सम्बन्ध नहीं: कल्याण सिंह

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फर्रुखाबादः उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह यादव आज जनक्रांति पार्टी के जिले के चारो प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे तो केन्द्र के साथ-साथ भाजपा, बसपा व सपा पर जमकर शब्दवाण चलाये। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती से मेरा कोई सम्बंध नहीं है।

बेबर रोड पर पिछड़े वर्ग के समर्थन में पहुंचे कल्याण सिंह का कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। जनक्रांति पार्टी के चारो प्रत्याशी मोहन अग्रवाल, मुकेश राजपूत, जितेन्द्र यादव व पवन गौतम ने माला पहनाकर कल्याण सिंह का स्वागत किया। उन्होंने पिछड़े वर्ग के आरक्षण पर बोलते हुए कहा कि 27 प्रतिशत आरक्षण में से 9 प्रतिशत आरक्षण की मांग करने वाले केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद खुद गैर कानूनी काम कर रहे हैं। क्योंकि किसी का हक छीनना कानूनी अपराध है। उन्होंने कहा कि यहां तो पिछड़ों का हक छीनने के लिए एक से बड़े एक नेता मौजूद हैं।
मुलायम सिंह को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण की मांग करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह गलत कर रहे हैं। केन्द्र सरकार पर बाण छोड़ते हुए कल्याण सिहं ने कहा कि मनमोहन कहते हैं कि देश की दौलत व साधनों पर पहला हक मुसलमानों का है तो मनमोहन सिंह यह बतायें कि क्या मैने हिन्दू घर में जन्म लेकर गलत किया।
कल्याण सिंह ने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा अब दागियों से भर गयी है। एक तरफ दागी मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी से निकालने की बात कह रही है तो वहीं दूसरी तरफ कुशवाहा से पार्टी का प्रचार करा रही है। उमा भारती के विषय में पूछे जाने पर कि उमा भारती आपको पिता तुल्य नहीं वल्कि पिता ही मानती हैं। जिस पर कल्याण सिंह आग बबूला हो गये और बोले कि मेरा उस भ्रष्ट उमा से कोई सम्बंध नहीं है न ही वह मेरी उत्तराधिकारी है।
उमा चुनाव में अपने प्रतिद्विंदी पवन लोधी को हरा नहीं पायेंगीं वल्कि खुद उमा को मुहं की खानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जनक्रांति पार्टी पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। उन्होंने कांग्रेस, सपा, बसपा व भाजपा के नेताओं को करोड़ों रुपये घोटाला करने का आरोपी बताया। जिसमें केन्द्र को जमकर निशाना बनाया गया।
इस दौरान जनक्रांति पार्टी के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र कटियार के अलावा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष शकुुंतला शाक्य, शहर अध्यक्ष राघवेन्द्र राजपूत आदि के अलावा भारी मात्रा में भीड़ इकट्ठी रही।