सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के तर्कों को सही माना तो यूपी में स्थानीय निकाय का चुनाव अब मई में होगा। आयोग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को होने वाली सुनवाई टल गई है। इसपर अब मंगलवार को सुनवाई होगी। इसके बाद यूपी में निकाय चुनाव की तसवीर साफ हो जाएगी। जानकारों का कहना है कि आयोग ने जो तर्क दिए हैं, उससे सुप्रीम कोर्ट सहमत होकर उसे समय दे सकता है।
प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव नवंबर 2011 में प्रस्तावित था लेकिन राज्य सरकार चुनाव कराने को तैयार नहीं थी। हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव पर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार को शीघ्र ही चुनाव कराने का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने इस पर सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल कर तैयारियों के लिए 11 फरवरी तक का समय प्राप्त कर रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को जब तैयारियों के लिए फरवरी तक का समय दिया था, उस समय विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं हुई थी। यूपी में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया 7 मार्च के बाद समाप्त होगी। इसलिए इस बीच निकाय चुनाव हो पाना संभव नहीं है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके आधार पर ही निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने के लिए 20 अप्रैल तक का समय मांगा है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि यूपी में विधानसभा चुनाव के बाद बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। ये परीक्षाएं अप्रैल के पहले हफ्ते तक चलेंगी। बोर्ड परीक्षा के दौरान न तो चुनावी ड्यूटी के लिए शिक्षक मिलेंगे और न ही स्कूलों में मतदान केंद्र बनाया जा सकेगा। इसलिए उसे अधिसूचना जारी करने के लिए 20 अप्रैल तक का समय दिया जाए।
जानकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट आयोग के तर्कों के आधार पर उसे समय दे सकता है। ऐसी स्थिति में आयोग 20 अप्रैल को निकाय चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करेगा तो चुनावी प्रक्रिया पूरी होने में 45 दिन लग जाएंगे। यानी साफ है कि मई में ही निकाय चुनाव होने की अधिक संभावना है।