शिक्षक भर्ती: नौकरी के लिए लगाए टीईटी के दस हजार जाली अंकपत्र पकड़े गये

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शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के सहारे सहायक अध्यापक चयन की आस लगाए कई अभ्यर्थियों ने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया है। प्रदेश भर में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में जमा आवेदनों की स्क्रूटनी में सामने आया कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने टीईटी के फर्जी प्रमाणपत्र लगा रखे हैं। इलाहाबाद, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर, फैजाबाद, आगरा मंडलों में स्क्रूटनी में लगभग दस हजार ऐसे आवेदन पाए गए जिनमें फर्जी मार्कशीट लगाई गई है।

प्रदेश भर में शिक्षक चयन के लिए लगभग सवा करोड़ आवेदन पत्र जमा हुए हैं। ज्यादातर जिलों में स्क्रूटनी का कार्य जारी है। हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक चयन पर फिलहाल रोक लगा रखी है इसलिए शासन ने सभी आवेदन पत्रों में लगे प्रमाणपत्रों की पहले से स्क्रूटनी करने का निर्देश दिया था। सर्व शिक्षा अभियान और निदेशालय को मानीटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है।

निदेशालय और सर्व शिक्षा अभियान ने मंगलवार तक की स्क्रूटनी से जो आंकड़े जुटाए हैं, उसके मुताबिक प्रदेश भर में 10170 आवेदनों के साथ फर्जी सर्टिफिकेट लगे हैं। हैरानी यह कि ज्यादातर ने टीईटी के फर्जी सर्टिफिकेट लगाए हैं। टीईटी के अंकपत्र अभी वेबसाइट पर पड़े हैं। जितनी बार संशोधन हुए हैं, उनका ब्योरा भी दर्ज है लेकिन इसके बाद भी अभ्यर्थियों ने फर्जी अंकपत्र लगाने में हिचक नहीं दिखाई। अधिकारियों के मुताबिक कुछ अंकपत्रों के फर्जी होने की आशंका पर वेबसाइट से रोलनंबर के आधार पर जांच की गई तो पता चला जिन्हें 94 अंक मिले हैं, उन्होंने 120 या 124 अंक वाली मार्कशीट भेजी है। अधिकारियों के मुताबिक संशोधित परिणाम की भी जांच की गई लेकिन अभ्यर्थियों का दावा सही नहीं पाया गया। मानीटरिंग में लगे सर्व शिक्षा अभियान के सह समन्वयक और उप निदेशक जयपाल गर्ग ने बताया कि उनमें से ढाई हजार से अधिक अभ्यर्थियों के आवेदन के साथ हाईस्कूल, इंटर की जो मार्कशीट लगी है, उसके भी फर्जी होने की आशंका जताई जा रही है। बताया कि जांच के बाद रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।