फर्रुखाबाद: मकर संक्रांति पर जहाँ गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा तो वही दूसरी तरफ रामनगरिया में विभिन्न तरीके के साधू संत लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे जिसमे खासी चर्चा बन्दूक वाले बाबा की है|
वैसे तो रामनगरिया मेले में साधू संतो का जमावड़ा लगता ही है देश के कोने कोने से साधू संत आ कर रामनगरिया में धूनी रमाते है| कभी बच्चा बाबा तो कभी एक फुट के बाबा कहीं नागा बाबा की चर्चा अक्सर रामनगरिया के मेले में सुनने को आती है| साधू संतो को दंड, फरसा, कुल्हाड़ी, त्रिशूल, तलवार लिए तो सभी ने देखा होंगा लेकिन इस बार रामनगरिया में एक संत ने आकर्षण का नया तरीका खोज निकाला है| बाबा जी अपने साथ उक्त हथियार न लेकर बन्दूक ही साथ में लेकर चलते है बाबा जी का कहना है कि इस हथियार पर ईश्वर की कृपा है यह जिसपर चल गयी उसका काम निश्चित है|
बाबा जी ने अपना नाम बन्दूक वाला बाबा ही रखा है| पता पूछने पर सब जगह बाबा का ही घर है बताते हैं| बात-बात पर लोगों पर बदूक तान देते है| राज की बात ये है कि बाबा जी ये बन्दूक असली नही है| बाबा ने लकड़ी की बन्दूक का माडल बनबाया है| बाबा का कहना है कि यह जिसपर सीधी कर दी समझ लीजिये उसके दिन फिर गए|
बाबा किसी काम से मेला रामनगरिया थाने पहुंचे तो सिपाही ने बाबा से कुछ पूंछा तो बाबा ने अपनी बन्दुक वर्दी वाले सिपाही पर तानते हुए बोले तेरा काम कर दूंगा| पहले तो सिपाही बौचक्का रह गया बाद में बाबा बोले यह बन्दूक तुझ पर इस लिए तानी कि तेरा बहुत जल्दी प्रमोशन हो जायेगा| बन्दूक वाले बाबा की इस हरकत को देखकर थाने के बाहर भीड़ लग गयी|