लखनऊ । राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष विधानसभा चुनाव सम्पन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने तीन मंडलों लखनऊ, वाराणसी एवं सहारनपुर के मंडलायुक्तों को हटाने का निर्णय लिया है। चुनाव आयोग ने तीन वर्ष या उससे अधिक समय तक एक मंडल में तैनात मंडलायुक्तों को हटाने का फैसला लिया है। इस सम्बन्ध में आयोग ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि लखनऊ, सहारनपुर तथा वाराणसी मंडलों में तैनात मंडलायुक्तों को तीन वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। इनके रहते निष्पक्ष व स्वतंत्र चुनाव कराया जाना संभव नहीं है। इसलिए इन मंडलायुक्तों को हटाकर नये मंडलायुक्तों की तैनाती करायी जाए।
इसके पूर्व भी आयोग ने ग्राम्य विकास विभाग में तैनात तीन वर्ष या इससे अधिक समय से तैनात खंड विकास अधिकारियों को हटाने का निर्देश दिया था। आयोग के निर्देश पर इन विकास खंड अधिकारियों को हटाया गया था। उल्लेखनीय है कि इस समय लखनऊ के मंडलायुक्त प्रशांत द्विवेदी हैं। श्री द्विवेदी वर्तमान में मंडलायुक्त के अलावा प्रदेश के सूचना सचिव भी हैं। इसके अलावा बनारस के मंडलायुक्त अजय कुमार उपाध्याय तथा सहारनपुर के मंडलायुक्त सुरेश चन्द्रा हैं।
उधर, निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव पद पर तैनात कुंवर फतेह बहादुर से नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के पद से हटाने का निर्देश मुख्य सचिव को दिया है। आयोग का यह पत्र नियुक्ति विभाग को प्राप्त हो गया है। इसके पूर्व प्रमुख राजनीतिक दलों की शिकायत पर आयोग ने कुंवर फतेह बहादुर से गृह विभाग से हटाने का निर्देश दिया था। सरकार ने आयोग के निर्देश पर सरकार ने कुंवर फतेह बहादुर से गृह विभाग छीन लिया था परन्तु नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग उनके पास ही था। बाद में सरकार ने उन्हें प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के पद पर तैनात कर दिया था। देर रात तक नियुक्ति विभाग ने कुंवर फतेह बहादुर के स्थान पर किसी अधिकारी की तैनाती की पुष्टि नहीं की है।